भारत और चीन का समन्वय दोनों देशों के शहरी शासन को दे सकता है नई दिशा, बन रहे नए अवसर

अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी तो देश तेजी से विकास करेगा। चीन और भारत ऐसे ही देशों में शामिल हैं, जो अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के दम पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के विकास में यहां के शहरी शासन का भी अहम योगदान है। यही वजह है कि भारत और चीन के बीच जिन.

अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी तो देश तेजी से विकास करेगा। चीन और भारत ऐसे ही देशों में शामिल हैं, जो अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के दम पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के विकास में यहां के शहरी शासन का भी अहम योगदान है। यही वजह है कि भारत और चीन के बीच जिन गंभीर विषयों पर बातचीत हो रही है उनमें शहरी मामले भी शामिल है। क्योंकि शहरी शासन के मामले में दोनों देशों के पास एक दूसरे के सहयोग से कई अहम लक्ष्य हासिल करने की क्षमता है। चीन के पास बेहतरीन टेक्नोलॉजी और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर है तो वहीं भारत के पास शानदार शासन प्रणाली और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच शहरी शासन को लेकर अगर मजबूत समन्वय बनता है तो यह दोनों के लिए दूरगामी परिणाम उपलब्ध कराएगा। 

दुनिया में भारत और चीन दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं और दोनों ही देश शहरीकरण के मामले में तेजी से आगे बढ़े हैं। दरअसल, 1990 के बाद चीन और भारत में शहरी शासन में बहुत सुधार देखने को मिला। छोटे-छोटे कस्बों को जोड़कर बड़े शहरों में तब्दील किया गया, जहां नगरीय प्रशासन प्रणाली मजबूत बनाया गया है। पहले के समय में किसी भी विकसित शहर में पानी, बिजली, सड़क को एक अच्छे शहर की निशानी माना जाता था। लेकिन आज के दौर में इन तीन चीजों के साथ-साथ रोजगार, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतरीन टेक्नोलॉजी भी जरूरी हो गई है। पहले यह सब कुछ यूरोपीय देशों में देखने को मिलता था। लेकिन आज भारत और चीन में भी यह देखने को मिल रहा है। जिसकी बड़ी वजह यहां के लोगों का शहरी विकास के मामलों में अवेयर होना माना जा रहा है। जिससे दोनों देशों की सरकारें भी शहरों में बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करा पा रही हैं। ऐसे में भारत और चीन से जुड़े मामलों के जानकारों का भी मानना है कि शहरी शासन के मामले में भारत और चीन के पास एक दूसरे के सहयोग के कई अवसर हैं। 

चीन आज उन देशों में शामिल हैं, जिसकी आबादी का आधा हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहता है। इसके पीछे चीन की टेक्नोलॉजी का अहम योगदान है। चीन ने अपने शहरों को स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। चीन में 1950 के दशक में केवल 13 फीसदी आबादी शहरी थी, लेकिन वर्तमान में यह 56 प्रतिशत से ज्यादा है। चीन अपनी एक 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत डिजिटल शहरतक विकसित कर रहा है। जिसमें शहर के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए स्मार्ट तकनीकों को अपनाया जाएगा। चीन में 5G तकनीक भी आ चुकी है। ऐसे में स्मार्ट तकनीक के माध्यमों से कचरा निष्पादन, बेहतरीन ट्रैफिक व्यवस्था, फास्ट मेट्रो, वॉटर सिस्टम, बिजली सिस्टम जैसे मामलों में स्मार्ट तकनीक से लंबे-लंबे कामों को कम से कम समय में चीन में किया जा रहा है। जिसका फायदा चीन की अर्थव्यवस्था को भी मिल रहा है। बेहतरीन सुविधाओं के चलते तेजी से लोग अब शहरी क्षेत्र में बस रहे हैं। 

भारत और चीन के बीच शहरी शासन को लेकर सहयोग के अवसर हैं। चीन जहां अपनी टेक्नोलॉजी, स्मार्ट तकनीक और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी भारत से सांझा कर सकता है तो वहीं भारत भी शहरी शासन प्रणाली, स्वच्छता जैसी योजनाएं, बेहतर टैक्स प्रणाली जैसी जानकारी चीन को दे सकता है। वैसे भी चीन और भारत के बीच लंबे समय से परस्पर संवाद बना रहा है। अगर भारत और चीन शहरी शासन को लेकर एक साथ आते हैं तो यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में और तेजी ला सकता है। जानकार मानते हैं कि भारत और चीन को अपनी बढ़ती आबादी का सकारात्मक उपयोग विकास की दिशा में लगाना चाहिए। जिसमें शहरी शासन को और मजबूत बनाना सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसे में चीन और भारत को इस दिशा में अब तेजी से काम करने आवश्यकता भविष्य में दिखाई देती है।

(लेखकः दिव्या तिवारी)

 

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