इंटरनेशनल डेस्क : तुर्की के चीनीविद गिरे फिडान ने हाल ही में दक्षिण पूर्वी चीन के फुच्येन प्रांत के सानमिंग शहर का दौरा किया। वहां के सांस्कृतिक संरक्षण और विकास की स्थिति से उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनके विचार में चीन ने सांस्कृतिक संरक्षण और विकास के सम्बंधों का अच्छी तरह निपटारा किया है। चीन को पता है कि अगर सांस्कृतिक विरासत नदारद हो जाए, तो वह सदा के लिए नदारद होगी। इसलिए सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गिरे फिडान सानमिंग शहर के योशी जिले स्थित क्वीफंग गांव गये। इस गांव का इतिहास सात सौ वर्ष से अधिक पुराना है। गांववासी चांग य़ुछिंग ने उनको इस गांव के पूर्वज हॉल का परिचय दिया। यह हॉल सिर्फ परंपरागत चीनी छोटे नये साल के दिन में खुलता है और फेमिली ट्री बुक दिखाने की गतिविधि आयोजित की जाती है। इस फेमिली ट्री पुस्तिका में 120 खंड हैं और यह 700 साल पुरानी है। उस दिन सभी बच्चे घर वापस लौटकर वृहद परिवार के प्रमुख की शिक्षा लेते हैं। चांग ने बताया कि सात सौ साल के बाद भी हमारे गांव के समृद्धि होने का एक मुख्य कारण यह है कि हम सांस्कृतिक संरक्षण को महत्व देते हैं।
गिरे फिडान ने 600 साल पुराने शुचिंग गांव की यात्रा भी की और एक स्थानीय परंपरागत प्रार्थना समारोह में भाग लिया। शुचिंग गांव के प्रमुख छ्यो ताते ने उनको बताया कि इधर कुछ साल चीन सरकार पंरपरागत संस्कृति के संरक्षण और सम्बंधित विकास पर बहुत ध्यान दे रही है। स्थानीय सरकार ने इस संदर्भ में कई बचाव व जीर्णोंद्धार कार्य किये और बुनियादी संस्थापन सुधार दिया। अब शुचिंग गांव एक मशहूर पर्यटन स्थल बन चुका है।
सानमिंग में गिरे फिडान ने एक पुराने पत्थर युग का एक खंडहर भी देखा। उसका इतिहास 2 लाख साल पुराना है। अब वहां एक राष्ट्रीय पुरातत्व पार्क है।
गिरे फिडान ने पाया कि चीन प्रकृति ,कला और प्राचीन इमारतों को जोड़कर परंपरागत सांस्कृतिक विरातों का विकास कर रहा है। इस तरह संरक्षण और विकास एकीकृत होता है। यह शायद चीनी सभ्यता की निरंतरता का एक मुख्य कारण है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप , पेइचिंग)