इंटरनेशनल डेस्क : यूरोपीय देशों के चार प्रमुख नेताओं ने शनिवार को यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया, जहां उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और शांति की ओर कदम बढ़ाने के लिए रूस पर 30 दिन के युद्ध-विराम पर सहमति बनाने का दबाव बढ़ाया। यह यात्रा यूक्रेन में तीन वर्षों से जारी युद्ध के बीच एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम मानी जा रही है, जिसमें यूरोपीय नेतृत्व ने संयुक्त रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट की।
फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन के नेताओं का यह ऐतिहासिक दौरा, यूक्रेन में शांति प्रक्रिया को गति देने के उद्देश्य से किया गया था। चारों नेता कीव रेलवे स्टेशन पर एक साथ पहुंचे और तत्काल बाद में कीव के स्वतंत्रता चौक पर द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर शहीद हुए यूक्रेनी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि यूरोपीय देशों की एकजुटता अब युद्ध को समाप्त करने के लिए मजबूती से खड़ी है।
-जर्मनी के नये चांसलर ने यूक्रेनी यात्रा पर कहा
फ्रेडरिक मर्ज, जर्मनी के नये चांसलर, ने अपनी पहली यूक्रेनी यात्रा पर कहा, “हम युद्ध-विराम और शांति की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। हमें यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हुए एक स्थायी शांति की ओर बढ़ना होगा। यूक्रेन की सरकार ने पहले ही इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, लेकिन रूस की ओर से शर्तों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल के तहत 30 दिन के युद्ध-विराम का प्रस्ताव मार्च में रखा गया था, जिसे यूक्रेनी नेतृत्व ने स्वागत किया था, जबकि रूस ने इसे लेकर कुछ शर्तों पर जोर दिया था।
सभी नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुए रूस से अनुरोध किया कि वह युद्ध-विराम को स्वीकार करे और शांति वार्ता के लिए मार्ग प्रशस्त करे। बयान में कहा गया, “हम राष्ट्रपति ट्रंप के आह्वान का समर्थन करते हैं और रूस से आग्रह करते हैं कि वह स्थायी शांति के प्रयासों में रुकावट डालना बंद करे।”
-यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा
“यह युद्ध खत्म करने का समय है। हमें युद्ध-विराम पर सहमत होने के लिए रूस को मजबूर करना होगा ताकि हम न्यायपूर्ण शांति की ओर बढ़ सकें। अब सवाल यह है कि क्या रूस 30 दिन के युद्ध-विराम पर सहमत होगा और क्या यह संघर्ष समाप्ति की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो सकता है।
यूरोपीय नेताओं का यह संयुक्त कदम इस बात का संकेत है कि वे इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए किसी भी कीमत पर कदम उठाने को तैयार हैं, बशर्ते यह शांति और स्थिरता की दिशा में हो। यह घटनाक्रम एक अहम मोड़ हो सकता है, जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए मजबूत और ठोस कदम उठाने की ओर बढ़ाया है।