ब्रसेल्सः यूरोपीय संघ ने अपने सदस्य देशों से जोर देकर कहा कि वे चीन से आने वाले यात्रियों के लिए विमान में सवार होने से पहले कोविड जांच अनिवार्य करने का नियम बनाएं। बहरहाल, इस बयान से बीजिंग नाराज हो सकता है और वैश्विक विमानन उद्योग पहले ही उसकी आलोचना कर चुका है। यूरोपीय संघ के स्वास्थ्य विशेषज्ञों में सप्ताहभर चली वार्ता के बाद ईयू ने सभी 27 सदस्य देशों को ऐसे यात्र प्रतिबंध लागू करने से रोक दिया, जो इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देश पहले से ही लागू कर चुके हैं।
चीन पहले से ही ऐसी कार्रवाई को जोरदार ढंग से खारिज कर चुका है और ईयू के देशों में ऐसी नीतियां लागू होने पर समान प्रतिक्रिया देने की भी चेतावनी दी है।चीनी सरकार और यूरोपीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि चूंकि चीन से निकले कोरोना वायरस के स्वरूप पहले से ही यूरोप में हैं तो यात्र पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है। इससे पहले बुधवार को दुनियाभर में लगभग 300 एयरलाइनों के ‘‘अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ’’ (आईएटीए) ने विरोध का जोरदार समर्थन किया।
आईएटीए महानिदेशक विली वाल्श ने कहा, कोरोना वायरस से बचाव के ऐसे उपायों को बहाल होते देखना बहुत निराशाजनक है, जो पिछले तीन साल में निष्प्रभावी साबित हुए हैं। प्रतिक्रिया की चेतावनी देने के अगले दिन चीनी सरकार के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, कि हम उम्मीद करते हैं कि सभी लोग कोविड महामारी से लड़ने पर ध्यान देंगे और इसका राजनीतिकरण करने से बचेंगे। इसके बावजूद ईयू यह सुनिश्चित करने का इच्छुक प्रतीत होता है कि चीन से आने वाले यात्रियों से महाद्वीप पर कोरोना वायरस का कोई संभावित नया स्वरूप न आए। ईयू की अध्यक्षता कर रहे स्वीडन ने एक बयान में कहा कि चीन से आने वाले यात्रियों को कम समय पर अधिसूचित आदेशों का पालन करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।