Japan के प्रसिद्ध लेखक Seiichi Morimura का 90 वर्ष की आयु में हुआ निधन

टाेक्योः द्धितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना की एक गोपनीय ईकाई द्वारा लोगों पर किए गए चिकित्सा परीक्षणों का अपनी किताब ‘‘दी डेविल्स ग्लूटोनी’’ में खुलासा करने वाले मशहूर जापानी लेखक सेइची मोरिमुरा का सोमवार को निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। मोरिमुरा की आधिकारिक वेबसाइट और प्रकाशक ‘कादोकावा’ के अनुसार तोक्यो.

टाेक्योः द्धितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना की एक गोपनीय ईकाई द्वारा लोगों पर किए गए चिकित्सा परीक्षणों का अपनी किताब ‘‘दी डेविल्स ग्लूटोनी’’ में खुलासा करने वाले मशहूर जापानी लेखक सेइची मोरिमुरा का सोमवार को निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। मोरिमुरा की आधिकारिक वेबसाइट और प्रकाशक ‘कादोकावा’ के अनुसार तोक्यो के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। वह निमोनिया से पीड़ित थे। उनकी कथेतर शृंखला ‘दी डेविल्स ग्लूटोनी’ में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना की एक गुप्त इकाई द्वारा किये गये मानवीय चिकित्सा प्रयोगों को उजागर किया था।

यह 1981 में अखबार में कड़ियों के तौर पर शुरू हुई थी और बेस्टसेलर बनने के साथ इसने चीन में जापानी इंपीरियल आर्मी की इकाई 731 द्वारा किए गए अत्याचारों की कहानी पर देशभर में सनसनी पैदा कर दी। इतिहासकारों और पूर्व यूनिट सदस्यों के अनुसार, चीन में जापान नियंत्रित हार्बनि में अपने बेस से, यूनिट 731 और संबंधित इकाइयों ने रोगाणु युद्ध में अनुसंधान के रूप में युद्ध कैदियों को टाइफाइड, हैजे और अन्य बीमारियों के इंजेक्शन लगाए।

मोरिमुरा के कॅरियर की शुरुआत होटलों में काम करते हुई थी जहां से वह आलेख भी लिखते थे। उन्होंने 1969 में अपने एक रहस्यमयी उपन्यास के लिए एदोगावा रैंपो पुरस्कार जीता था। टाेक्यो के उत्तर में स्थित सैतामा में 1933 में जन्मे मोरिमुरा द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के समय तोक्यो में अमेरिकी बम हमलों के दौरान जीवित बच गये थे।

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