चीन, रूस, कनाडा और भारत के थिंक टैंकों द्वारा सह-लिखित “नए युग में चीन के व्यापक सुधार और उच्च-स्तरीय खुलेपन की प्रक्रिया और 2029 और 2035 के लिए दृष्टिकोण” शीर्षक वाली शोध रिपोर्ट 5 अगस्त को जारी की गई, जिसमें सुधार और खुलेपन को बढ़ावा देने के लिए चीन के दृढ़ संकल्प को और स्पष्ट किया गया।
यह शोध रिपोर्ट चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस (नवंबर 2012) के बाद से चीन द्वारा लागू किए गए कई सुधार उपायों को छह प्रमुख श्रेणियों में सारांशित और सरलीकृत करती है: गरीबी-विरोधी, नाकाबंदी-विरोधी, प्रदूषण-विरोधी, भ्रष्टाचार-विरोधी, आधिपत्य-विरोधी और संकट-विरोधी। उपायों की सभी छह श्रेणियों ने उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए हैं, और देश ने सुधार और विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
रिपोर्ट का मानना है कि चीनी समाज सुधार में कुछ कठिनाइयों का सामना कर रहा है, और जितनी अधिक कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करेगा, उतने ही अधिक सुधार और खुलेपन की आवश्यकता होगी।इसके अलावा, रिपोर्ट साल 2029 और साल 2035 में चीन के व्यापक सुधारों की प्रभावशीलता के लिए सात दृष्टिकोण भी सामने रखती है, अर्थात् एक अधिक स्थिर अर्थव्यवस्था, एक अधिक समृद्ध लोकतंत्र, अधिक सांस्कृतिक लोकप्रियता, एक अधिक आरामदायक जीवन, एक हरित वातावरण, एक अधिक सुरक्षित देश और एक अधिक मजबूत कदम।
चीन के रनमिन विश्वविद्यालय के छोंगयांग वित्तीय अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक वांग वन के अनुसार, रिपोर्ट तीन भागों में दुनिया को जवाब देने का प्रयास करती है: पहला, अतीत में चीन के सुधार वास्तविक थे और महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त हुए। दूसरा, यह चीन के सुधारों के बारे में कुछ पश्चिमी गलतफहमियों और शंकाओं को संबोधित करता है। चीन के सुधार कठिन हैं, लेकिन कठिनाइयों के माध्यम से आगे बढ़ने की उपलब्धियां बहुत बड़ी हैं। तीसरा, इसका उत्तर यह है कि सुधार का भविष्य आशाजनक है।
वांग वन ने कहा कि वर्तमान स्थिति के आधार पर, अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंकों को भी चीन की भविष्य की अपेक्षाओं की कल्पना करने और उनसे जुड़ने के लिए आमंत्रित किया गया था। रिपोर्ट में चीन के तथाकथित “चरम सिद्धांत” पर कुछ पश्चिमी मीडिया, थिंक टैंकों और राजनेताओं द्वारा चीन के खिलाफ की गई निंदा का भी जवाब दिया गया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)