France Election : फ्रांस संसदीय चुनाव में आज अंतिम चरण का होगा मतदान

फ्रांस में आज नेशनल असेंबली के दूसरे चरण के लिए मतदान होगा।

पेरिस : फ्रांस में आज नेशनल असेंबली के दूसरे चरण के लिए मतदान होगा। इससे पहले 30 जून को चुनाव हुए थे। इसमें दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (NR) को सबसे ज्यादा 35.15% वोट मिले थे। वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट (NFP) गठबंधन दूसरे नंबर पर रहा था। इसे 27.99% वोट मिले थे। वहीं मैक्रों की रेनेसां पार्टी सिर्फ 20.76% वोट ही हासिल कर पाई थी।

आज वही उम्मीदवार खड़े हो सकते हैं जिन्हें पहले चरण में 12.5 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हों। नेशनल असेंबली में बहुमत पाने के लिए किसी भी पार्टी को 289 सीटें जीतनी होंगी। फ्रांसीसी संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के चलते राष्ट्रपति मैक्रों ने इसी महीने समय से पहले संसद को भंग कर दिया।

दरअसल मैक्रों सरकार गठबंधन के समर्थन पर चल रही थी। उनके गठबंधन के पास केवल 250 सीटें थीं और हर बार उन्हें कानून पारित करने के लिए अन्य दलों से समर्थन जुटाना पड़ा। वर्तमान में संसद में दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (एनआर) के पास 88 सीटें हैं। अमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने अनुमान लगाया है कि दूसरे चरण के मतदान के बाद दक्षिणपंथी पार्टी एनआर 577 सीटों में से 230-280 सीटें जीतेगी। वामपंथी एनएफपी को 125-165 सीटें मिल सकती हैं।

हारे तो भी पद पर बने रहेंगे मैक्रों

मैक्रों की पुनर्जागरण पार्टी और उनके गठबंधन को केवल 70 से 100 सीटें मिलने की संभावना है। अगर मैक्रों की पुनर्जागरण पार्टी नेशनल असेंबली चुनाव में हार भी जाती है तो भी मैक्रों पद पर बने रहेंगे। मैक्रों पहले ही कह चुके हैं कि कोई भी जीते, वे राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देंगे। दरअसल, यूरोपीय संघ के चुनाव में हार के बाद अगर मैक्रों की पार्टी संसद में भी हार जाती है तो उन पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव बन सकता है। इसलिए मैक्रों ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे अपना पद नहीं छोड़ेंगे।

फ्रांस में चुनाव प्रक्रिया

भारत की तरह फ्रांस में भी संसद के 2 सदन हैं। संसद के ऊपरी सदन को सीनेट और निचले सदन को नेशनल असेंबली कहा जाता है। नेशनल असेंबली के सदस्यों का चुनाव आम जनता करती है, जबकि सीनेट के सदस्यों का चुनाव नेशनल असेंबली के सदस्य और अधिकारी करते हैं। इस महीने यूरोपीय संसद के चुनाव हुए थे जिसमें मैक्रों की पार्टी को 15% से भी कम वोट मिले थे। जबकि नेशनल रैली को 31.4% वोट मिले थे। मैक्रों ने चुनाव नतीजे आने से पहले ही अचानक संसद को भंग कर दिया था। मैक्रों ने कहा कि वे ऐसे शासन नहीं कर सकते जैसे कुछ हुआ ही न हो।

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