वाशिंगटनः अपंजीकृत अफगान लोगों को जबरन निर्वासित किए जाने के बीच अमेरिकी कांग्रेस द्वारा गठित एक अर्ध-न्यायिक निकाय ने कहा है कि पाकिस्तान में अहमदिया और अफगान शरणार्थी समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा, उन्हें हिरासत में लिए जाने तथा डराए-धमकाए जाने की खबरें व्यथित करने वाली हैं। देश छोड़ने के लिए निर्धारित की गई समयसीमा समाप्त होने के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने बुधवार को 17 लाख अफगान नागरिकों सहित अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की हैं। हिरासत से बचने के लिए लगभग 2,70,000 अफगान नागरिक तालिबान शासित देश लौट गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग ( USCIRF) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह पाकिस्तान में अहमदिया और अफगान शरणार्थी समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा, हिरासत और डराए-धमकाए जाने की खबरों से व्यथित है। यूएससीआईआरएफ के आयुक्त डेविड करी ने कहा, हम विशेष रूप से इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पाकिस्तान सरकार उत्पीड़न के चलते भागकर आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को जबरन अफगानिस्तान वापस भेज सकती है।
करी ने कहा, तालिबान शासन के तहत, ईसाई, शिया मुस्लिम, अहमदिया मुस्लिम और सिख अफगानिस्तान में अपनी धार्मिक मान्यताओं का स्वतंत्र रूप से पालन नहीं कर सकते। अमेरिका सरकार को इस नीतिगत निर्णय पर पुर्निवचार करने के लिए दबाव बनाने के वास्ते पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए। अमेरिका सरकार द्वारा 1998 में स्थापित यूएससीआईआरएफ की सिफारिशें अमेरिकी विदेश विभाग के लिए गैर-बाध्यकारी हैं।