भारतवंशी नर्स ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा की ‘वर्चुअल वार्ड’ योजना को दे रही है बढ़ावा

लंदनः ब्रिटेन में सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए काम करने वाली भारतीय मूल की एक नर्स ‘वर्चुअल वार्ड’ की नई योजना को बढ़ावा दे रही हैं। योजना के तहत मरीजाें को वीडियो या फोन के माध्यम से घर में ही अस्पताल जैसी देखभाल प्रदान करने में मदद की जाती है जिससे.

लंदनः ब्रिटेन में सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए काम करने वाली भारतीय मूल की एक नर्स ‘वर्चुअल वार्ड’ की नई योजना को बढ़ावा दे रही हैं। योजना के तहत मरीजाें को वीडियो या फोन के माध्यम से घर में ही अस्पताल जैसी देखभाल प्रदान करने में मदद की जाती है जिससे गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तर खाली रख पाते हैं। ‘मर्सी केयर्स क्लिनिकल टेलीहेल्थ हब’ में क्लिनिकल टीम की प्रमुख नर्स निशा जोस ने कहा कि कार्यक्रम ने चिकित्सकीय देखभाल को पूरी तरह से बदल दिया है और बीमार होने पर घर का आराम चाहने वाले रोगियों के लिए यह बहुत जरूरी आश्वासन है।

एनएचएस की नई योजना में पूरे इंग्लैंड में अब 340 से ज्यादा तथाकथित ‘वर्चुअल वार्ड’ कार्यक्रम शामिल हैं। इसमें 7653 ‘वर्चुअल बिस्तर’ भी हैं जहां चिकित्सक दूरस्थ माध्यम से मरीज की स्थिति पर नजर रखते हैं। जोस ने कहा, कि लोग सामान्य स्थिति और घर जैसा आराम चाहते हैं और फिर भी जब वे घर पहुंचते हैं, तो वे ज्यादा चिंतित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, कि हमारे ‘वर्चुअल वार्ड’ कार्यक्रम के जरिए हम हर वो चीज कर सकते हैं जो अस्पताल के वार्ड में होती है। हम किसी परेशानी का पता लगाने के लिए हर छह घंटे में उनकी जांच करते हैं। हम घर जा कर उनकी ईसीजी भी कर सकते हैं। इसने सच में उस तरीके को बदल दिया है जिससे हम देखभाल प्रदान करते हैं।

मर्सी केयर एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित उनकी ‘टेलीहेल्थ टीम’ एक दिन में करीब दो हजार मरीजों की मदद करती है। ताजे आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एनएचएस की ‘वर्चुअल वार्ड’ योजना के तहत एक लाख से ज्यादा मरीजाें का इलाज किया गया है। इस साल जनवरी में ही सिर्फ 16 हजार रोगियों का उपचार किया गया है। एनएचएस ने कहा कि उसकी ‘वर्चुअल वार्ड’ योजना के तहत मरीज घर पर ही सुरक्षित तरीके से अस्पताल के स्तर की देखभाल प्राप्त कर सकता हैं और जाने-पहचाने माहौल में वह तेजी से स्वस्थ्य होते हैं और अस्पताल में बिस्तर उन रोगियों के लिए खाली रहते हैं जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है।

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