वाशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस साल के लिए चीन, भारत और यूरोप के मामले में अपने आíथक परिदृश्य को बेहतर किया है, वहीं अमरीका और जापान के मामले में अनुमान मामूली रूप से घटाया है। मुद्रा कोष के ताजा अनुमान के अनुसार भारत की आíथक वृद्धि दर अब सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह अप्रैल में अनुमानित 6.8 प्रतिशत से अधिक है। मुद्रा कोष ने कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्र से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
आईएमएफ ने कहा कि उसे अब भी उम्मीद है कि विश्व अर्थव्यवस्था इस साल 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह अप्रैल में जताए उसके पिछले अनुमान के समान है। जबकि 2023 की 3.3 प्रतिशत की वृद्धि से कम है। 2000 से 2019 तक, महामारी से पहले आíथक गतिविधियों में वृद्धि के कारण, वैश्विक वृद्धि दर सालाना औसतन 3.8 प्रतिशत रही थी। दुनिया के 190 देशों को कर्ज देने वाला वैश्विक संगठन मुद्रा कोष आíथक विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने तथा वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए काम करता है।