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तीन बज गए, चलो पहले चाय पीते हैं

दुनिया के कई देशों में लोगों को चाय पीने की आदत है ।चीन चाय का गृहस्थल है ।यहां चाय पीना लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है। जैसे आप भारत में चाय का जिक्र करते हैं, तो आप असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि के बारे में सोचेंगे, वैसे आप चीन में चाय का जिक्र करते हैं, तो आप फुच्येन के बारे में सोचेंगे। फुच्येन तान्यांग कुंगफु काली चाय फुच्येन के तीन प्रमुख काली चायों में पहले स्थान पर रहता है। यह चीन में मशहूर तानयांगत्साई चाय पेड़ की पत्तियों से बनी है और पारंपरिक तकनीकों से बनाई गई है। तान्यांग कुंगफु काली चाय चीन की सबसे प्रतिष्ठित चायों में से एक है और चाय बाजार में बहुत लोकप्रिय है। इस चाय की सूप चमकदार लाल और सुगंधित है और इस का स्वाद मीठा है, जो उपभोक्ताओं में काफी लोकप्रिय है।

चीनी लोग चाय का लुत्फ लेते हैं ,विशेष तौर पर दक्षिण चीन के फ़ुच्येन औरक्वांग तुंग प्रांत में । वहां चाय की समृद्ध संस्कृति हैं । चाहे सार्वजनिक स्थानों पर हो या लोगों के घरों में, चाहे गांवों के किनारे पर हो या फ़ैक्टरी व दुकानों में, आप देख सकते हैं कि लोग चाय पी रहे हैं। चाय से न केवल प्यास बुझ सकती है, बल्कि लोग एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं, जानकारी का आदान-प्रदान कर सकते हैं, आराम से बातचीत कर सकते हैं या व्यापार पर चर्चा कर सकते हैं। एक बार इंटरनेट पर ये वाक्य ” तीन बजे है, चलो पहले चाय पीते हैं!” बेहद लोकप्रिय था, यह सब चीनी संस्कृति में चाय का महत्वपूर्ण प्रतीक और चाय के प्रति चीनी लोगों के प्यार को प्रकट करता है।

(साभार,चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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