पिछले महीने दक्षिण-पश्चिमी चीन के क्वेइचो प्रांत की रोंगच्यांग काउंटी में विलेज सुपर लीग का फाइनल मैच आयोजित हुआ। यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध एक चीनी फुटबॉल टूर्नामेंट है। लेकिन जो बात शायद आप नहीं जानते होंगे वो ये है कि फाइनल मैच शुरू से ठीक पहले, कई अफ्रीकी गांवों में स्थानीय लोगों ने विलेज सुपर लीग के बारे में नारे लगाए और खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। इससे संबंधित वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रही हैं। इतना ही नहीं, चीनी कंपनियों की फंडिंग और मदद से, अफ्रीकी देश बेनीन में इस साल विलेज सुपर लीग का आयोजन भी शुरू हुआ है, जिससे स्थानीय लोग फुटबॉल मैचों से मिली खुशियों का आनंद ले रहे हैं।
उधर कुछ समय पहले, चीन के छांगशा शहर से केन्या की राजधानी नैरोबी तक जाने वाले एक यात्री विमान में, अफ्रीकी और चीनी यात्रियों ने उड़ान के दौरान एक-दूसरे के साथ यात्रा की कहानियां और अनुभव साझा किए। साथ ही एक और दृश्य यह था कि नैरोबी एयरपोर्ट पर फूलों के खेत से ताज़ा काटे गए गुलाब से भरा मालवाहक विमान लगभग 9,000 किलोमीटर दूर छांगशा शहर के लिए उड़ान भरने के लिये तैयार है। ये गुलाब सीमा शुल्क “ग्रीन चैनल” के जरिए बहुत ही कम समय में चीनी उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाते हैं।
दरअसल, इस तरह की और भी बहुत सारी कहानियां हैं, जो चीन और अफ़्रीकी देशों के बीच बढ़ते घनिष्ठ आदान-प्रदान को दर्शाती हैं। वर्तमान में चीन और अफ्रीका के बीच आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार कृषि, विनिर्माण, खेल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों तक हुआ है, जिससे चीन-अफ्रीका मित्रता और सहयोग में लगातार नई जीवन शक्ति का संचार हो रहा है। साथ ही, इन प्रयासों से नए युग में चीन-अफ्रीका सहयोग में नए अवसर और साझा भविष्य के साथ उच्च स्तरीय चीन-अफ्रीका समुदाय के निर्माण में भी मदद मिली है।
अगर अफ़्रीका के विकास का ज़िक्र करना हो तो चीन की “बेल्ट एंड रोड” पहल ने इसमें बड़ी भूमिका निभायी है। चीन और अफ्रीका के बीच “बेल्ट एंड रोड” पहल के संयुक्त निर्माण ने अफ्रीका के विकास के लिए एक उच्च-स्तरीय सहयोग मंच प्रदान किया है। युगांडा और मिस्र से लेकर सेनेगल और नाइजीरिया तक, चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित बुनियादी ढांचे, औद्योगिक पार्क और आर्थिक क्षेत्र तेजी से विकसित हुए हैं। और ये ग्लोबल इंडस्ट्रियल चेन में अफ्रीका के एकीकरण को आगे बढ़ाने वाले एक मजबूत इंजन बन गए हैं।
ध्यान रहे कि विश्व प्रसिद्ध ब्रिटिश मैगज़ीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने 13 मई, 2000 को अपनी एक टिप्पणी में साहसी अफ्रीका का “निराशाजनक महाद्वीप” के रूप में वर्णन किया था। ठीक उसी साल, चीन-अफ्रीका सहयोग मंच यानी FOCAC की स्थापना की गई थी। बीस से अधिक वर्षों के सहयोग के साथ, अफ्रीका की छवि अब “उभरते महाद्वीप” के रूप में बदल गई है। ताज़ा आकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023 तक, अफ्रीकी संघ के साथ-साथ 52 अफ्रीकी देशों ने “बेल्ट एंड रोड” पहल के संयुक्त निर्माण के लिए चीन के साथ सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
अफ्रीका के औद्योगीकरण और विकास के लिए सुविधाओं का कनेक्शन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, और “बेल्ट एंड रोड” पहल के ढाचे में यहीं पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है और इसका सबसे स्पष्ट प्रभाव भी पड़ता है। मोम्बासा-नैरोबी स्टैंडर्ड गेज रेलवे, जो “बेल्ट एंड रोड” पहल के ढांचे में सबसे महत्वपूर्ण और सफल परियोजनाओं में से एक है। सात साल पहले, इस रेलवे को आधिकारिक तौर पर यातायात के लिए खोल दिया गया था, जिससे न केवल नैरोबी और मोम्बासा के बीच स्थानीय लोगों के यात्रा अनुभव में काफ़ी सुधार लाया गया, बल्कि केन्या के आधुनिकीकरण की गति भी तेज हुई है। विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, यह रेलवे केन्या की कुल जीडीपी में 2 प्रतिश्त से अधिक का योगदान देती है।
बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण सुधारों के अलावा, “बेल्ट एंड रोड” पहल ने अफ्रीका में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया है और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में वास्तविक सुधार भी किया है। इसके अलावा, चीन मानव संसाधन विकास में अफ्रीकी लोगों की सहायता देने में भी सबसे आगे रहा है। वास्तव में, यह अफ्रीकी देशों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। साथ ही, चीन व्यापार क्षेत्र में अफ्रीकी देशों को पूरी तरह से समर्थन दे रहा है, जबकि कुछ चीनी ई-कॉमर्स कंपनियां अफ्रीका में ऑनलाइन दुकानदारों को प्रशिक्षित करने में भी मदद कर रही हैं, जिससे स्थानीय सीमा पार ई-कॉमर्स के विकास में बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों के विचार में ये कदम अफ्रीकी महाद्वीप के विकास में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं।
(लेखक—रमेश शर्मा)