वोल्गा और कजानका नदी के संगम पर स्थित रूस का कजान शहर में तीन दिनों तक चली ब्रिक्स नेताओं की 16वीं बैठक सुचारू रूप से आयोजित हुई। इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का हिस्सा लेना ब्रिक्स की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती ताकत का अहम संकेत है। इस सम्मेलन की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि रही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आपसी मुलाकात।
ब्रिक्स सूत्रों के मुताबिक दोनों ने सीमा विवाद और आर्थिक हितों जैसे कई मुद्दों पर अपनी राय साझा की। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे, जबकि चीन की ओर से चीन के विदेश मंत्री वांग यी समेत वरिष्ठ अधिकारियों का एक बड़ा दल मौजूद रहा। इस मुलाकात के बाद शी चिनफिंग के साथ की तस्वीरें एक्स पर पोस्ट करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा, उस पर गौर किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा ‘रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन से अलग राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाक़ात हुई। दोनों देशों के लोगों के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के साथ स्थिरता के लिए भारत-चीन के आपसी संबंध अहम हैं। आपसी भरोसा, आदर और संवेदनशीलता ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को राह दिखाएंगे।”
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं ने नियंत्रण रेखा से सैनिकों की वापसी और 2020 में शुरू विवाद को सुलझाने के लिए एक दिन पहले दोनों देशों के बीच हुए समझौते का स्वागत किया। शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाक़ात के संदर्भ में चीनी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ”दोनों देशों ने आपस में संपर्क और सहयोग बढ़ाने के अलावा असहमतियों और मतभेदों को समझदारी के साथ सुलझाने पर ज़ोर दिया।
दोनों नेताओं ने प्रगति के मामले में एक-दूसरे को सहयोग करने की भी वकालत की। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात स्वीकार की। ” इस मुलाकात से उम्मीद की जा रही है कि एशिया की दोनों बड़ी शक्तियां यानी चीन और भारत एक-दूसरे के साथ कारोबारी और दूसरे रिश्तों को और बेहतरी की ओर ले जाने की दिशा में प्रभावी ढंग से आगे बढ़ेंगे।
यहां याद कर लेना चाहिए कि अपने गठन के बाद पिछले 15 वर्षों में ब्रिक्स देशों ने वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में अपनी हिस्सेदारी तीन गुना बढ़ा ली है । वैश्विक उत्पादन में बाजार विनिमय दरों के हिसाब से ब्रिक्स की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत से बढ़कर अगले 10 वर्षों में 25 से 26 फीसद और साल 2030 तक एक तिहाई तक हो जाएगी। ये आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ब्रिक्स इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो भविष्य में यह दुनिया का बड़ा आर्थिक समूह बनेगा। कजान में हुए सम्मेलन का संदेश भी यही है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक— उमेश चतुर्वेदी)