Dr. Manmohan Singh : वैश्विक नेताओं ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। मालदीव और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों सहित दुनिया भर के नेताओं ने आर्थकि प्रगति और कूटनीति में उनके असाधारण योगदान को याद करते हुए संवेदना व्यक्त की।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में डॉ. सिंह को अफगानिस्तान के लोगों का एक अटूट सहयोगी और मित्र बताया। करजई ने लिखा, ‘भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक अटूट सहयोगी और मित्र थे। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।
#India has lost one of its most illustrious sons. #Dr_Manmohan_Singh was an unwavering ally and friend to the people of #Afghanistan. I profoundly mourn his passing and extend my deepest condolences to his family, the government, and the people of India.
May his soul find… pic.twitter.com/ZrY5bCFVIR— Hamid Karzai (@KarzaiH) December 26, 2024
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी एक्स पर दुख जताते हुए मनमोहन सिंह को दयालु पिता और मालदीव के प्रिय मित्र के रूप में चित्रित किया। नशीद ने लिखा, ‘मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वह एक दयालु पिता की तरह थे। वह मालदीव के अच्छे मित्र थे।‘
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत-रूस संबंधों में पूर्व प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक्स पर कहा, ‘यह भारत और रूस के लिए बहुत दुख और शोक का क्षण है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय था। उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आकर्षक रहा, क्योंकि एक अर्थशास्त्र के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था।‘
मनमोहन सिंह का 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से उन्हें एम्स में भर्ती किया गया, जहां बाद में उनका निधन हो गया।
भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में विख्यात, वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने भारत के आर्थकि परिदृश्य को बदल दिया, इसकी नीतियों का आधुनिकीकरण किया और राष्ट्र को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया।
अपनी विनम्रता, बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के लिए याद किए जाने वाले डॉ. सिंह अपने पीछे प्रगति और समृद्धि की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो दुनिया भर के नेताओं को प्रेरित करती रहती है।