इंटरनेशनल डेस्क : 28 मार्च शीत्सांग (तिब्बत) में लाखों भू-दासों की मुक्ति का स्मृति दिवस है। उस दिन, चीनी राज्य परिषद के न्यूज़ कार्यालय ने “नए युग में शीत्सांग में मानवाधिकारों का विकास और प्रगति” श्वेत पत्र जारी किया और संबंधित न्यूज़ ब्रीफिंग आयोजित की। इस दौरान, नये युग से शीत्सांग (तिब्बत) में मानवाधिकार कार्य की सर्वांगीण प्रगति और ऐतिहासिक उपलब्धियों का परिचय दिया गया, और चीनी व विदेशी पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर दिये।
न्यूज़ ब्रीफिंग में शीत्सांग (तिब्बत) स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार के अध्यक्ष कार्मा त्सेतन ने कहा कि इस वर्ष तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है, और 28 मार्च तिब्बत में लाखों भू-दासों की मुक्ति का स्मृति दिवस है। 66 वर्ष पूर्व, तिब्बत में लोकतांत्रिक सुधार लागू किए गए और लाखों भू-दासों को मुक्त कराया गया, जिससे मानव सभ्यता के इतिहास और विश्व में मानवाधिकारों की प्रगति में एक गौरवशाली अध्याय लिखा गया।
पिछले 60 वर्षों में, विशेष रूप से 18वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस (नवंबर 2012) के बाद से, तिब्बत में मानवाधिकारों के विकास और प्रगति पर नज़र डालते हुए, कार्मा त्सेतन ने कहा कि पार्टी का नेतृत्व तिब्बत की दीर्घकालिक स्थिरता और उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए एक मौलिक गारंटी प्रदान करता है। शी चिनफिंग से केंद्रित पार्टी की केंद्रीय समिति ने हमेशा देश के शासन में मानवाधिकारों का सम्मान और गारंटी को एक महत्वपूर्ण कार्य माना है और शीत्सांग (तिब्बत) में विभिन्न उपक्रमों के उच्च गुणवत्ता वाले विकास को जोरदार तरीके से बढ़ावा दिया है।
कार्मा त्सेतन के अनुसार, वर्तमान में शीत्सांग (तिब्बत) में सभी जातियों के लोगों के अस्तित्व और विकास के अधिकारों में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की गई हैं, लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ है, और पूर्ण गरीबी को ऐतिहासिक रूप से समाप्त कर दिया गया है, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की गारंटी के स्तर में चौतरफा प्रगति हुई है। इसके साथ ही, छिंगहाई-तिब्बत पठार ने समग्र रूप से कार्बन तटस्थता हासिल कर ली है, सभी जातियों के लोग “स्वच्छ पानी और हरे पहाड़ों” के जागरूक संरक्षक और “सोने और चांदी के पहाड़ों” के प्रत्यक्ष लाभार्थी बन गए हैं, और वे संविधान व कानून द्वारा प्रदत्त अधिकारों का पूर्ण आनंद लेते हैं।
“मानवाधिकार संरक्षण में कोई भूतकाल नहीं होता, केवल वर्तमान काल होता है,” कार्मा त्सेतन ने यह बात कही। उन्होंने शीत्सांग (तिब्बत) की सभी जातियों के लोगों की बेहतर जीवन के प्रति नई अपेक्षाओं के अनुसार, एक साथ मानवाधिकारों की गारंटी में नया अध्याय लिखने पर प्रकाश डाला।
गौरतलब है कि न्यूज़ ब्रीफिंग में भाग लेने वाले संबंधित जिम्मेदार प्रभारी व्यक्तियों ने शीत्सांग (तिब्बत) के मानवाधिकार विकास व प्रगति से संबंधित अनुभव, जनता ही देश की मालिक होना, लोगों के स्वास्थ्य, धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता, पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा के उच्च-गुणवत्ता व संतुलित विकास जैसे विषयों पर चीनी और विदेशी पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए, जिससे शंकाओं का समाधान किया गया और भ्रांतियों को स्पष्ट किया गया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)