कई लोग सोचते हैं कि मैं America का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र में हूं काफी छोटा  : Vivek Ramaswamy

वाशिंगटनः भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने रविवार को कहा कि कई लोग उनकी बढ़ती लोकप्रियता से परेशान हैं और उन्हें लगता है कि 38 साल का एक व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र के लिहाज से काफी छोटा है। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए आयोजित रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस में.

वाशिंगटनः भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने रविवार को कहा कि कई लोग उनकी बढ़ती लोकप्रियता से परेशान हैं और उन्हें लगता है कि 38 साल का एक व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र के लिहाज से काफी छोटा है। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए आयोजित रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस में शानदार प्रदर्शन के बाद विभिन्न चुनाव पूर्व सव्रेक्षणों से रामास्वामी की लोकप्रियता में इजाफा होने की बात सामने आई है। ताजा चुनाव पूर्व सव्रेक्षण दर्शाते हैं कि रामास्वामी अगस्त के अपने प्रदर्शन से 12 अंक ऊपर हैं। वहीं, उनके विरोधियों ने उनकी आलोचना भी तेज कर दी है।

रामास्वामी ने कहा, कि ‘‘देखिए हम लोग पिछले कुछ हफ्ते से काफी आलोचनाएं झेल रहे हैं, जबकि दूसरी बहस में मैंने बेहतर प्रदर्शन किया। यह प्रक्रिया का हिस्सा है, इसलिए मैं खुली बहस का निमंत्रण देता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘‘हकीकत यह है कि मेरी बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई लोग मुझसे परेशान हैं और उनका मानना है कि 38 साल का एक व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र के लिहाज से बहुत छोटा है। तथ्य यह है कि थॉमस जेफरसन तब सिर्फ 33 साल के थे, जब उन्होंने अमेरिका की आजादी की घोषणा की थी। वह जब इस पद पर थे, तब उन्होंने घूमने वाली कुर्सी का आविष्कार भी किया था।’’

रामास्वामी ने तर्क दिया कि इस भावना को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एक ऐसे व्यक्ति को, जिसके जीवन में सबसे अच्छे दिन आना बाकी हैं, उसे एक ऐसे देश को देखना भी अभी बाकी है, जिसके सबसे अच्छे दिन आने बाकी हैं। लेकिन हम किसी चीज से भाग नहीं सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में कट्टरपंथी जाे बाइडेन के एजेंडा की आलोचना नहीं करता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। बेशक, आलोचना करने के लिए बहुत कुछ है। लेकिन हमें अपना एक दृष्टिकोण पेश करना होगा, न सिर्फ यह कि हम किससे भाग रहे हैं? बल्कि हम किसकी ओर भाग रहे हैं, प्रतिभा को फिर से उभारने की ओर, उत्कृष्टता की खोज की ओर, आíथक विकास, स्वतंत्र भाषण, खुली बहस की ओर। ये ऐसे बुनियादी मूल्य हैं, जिनसे अधिकांश अमेरिकी अब भी सहमत हैं।’’

रामास्वामी ने कहा, ‘‘इसीलिए मुझे विश्वास है कि हमारे पास 1980 के दशक की शैली का, रोनाल्ड रीगन-शैली का नैतिक जनादेश देने का मौका है। इसी तरह हम इस देश को एकजुट करेंगे। मैं इस दौड़ में हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं यह चुनौती देने में सक्षम एकमात्र सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भले ही हमने मूल रूप से लगभग हर दूसरे उम्मीदवार की आलोचना की है, जिन्हें मेरी लोकप्रियता से खतरा है, लेकिन मैं उनमें से किसी के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं। मैं इस देश के लिए लड़ रहा हूं। यही वह मिशन है, जो हमें निर्देशित कर रहा है।’’ रामास्वामी ने 23 अगस्त को हुई रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस के बाद लोगों का ध्यान अपनी ओर आर्किषत किया है।

- विज्ञापन -

Latest News