प्रकाश के मुड़ने का अध्ययन करके पहली बार विशाल ब्लैक होल का लगाया गया पता

नई दिल्ली : खगोलविदों ने पहली बार गुरुत्वाकर्षण लेसिंग के माध्यम से पृथ्वी से करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर एक आकाश गंगा के अंदर एक बहुत बड़े ब्लैक होल की खोज की है, जिससे और अधिक ब्लैक होल का पता लगने और उनकी उत्पत्ति का अध्ययन करने का मार्ग खुला है। गुरुत्वाकर्षण लैसिंग वह जगह है.

नई दिल्ली : खगोलविदों ने पहली बार गुरुत्वाकर्षण लेसिंग के माध्यम से पृथ्वी से करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर एक आकाश गंगा के अंदर एक बहुत बड़े ब्लैक होल की खोज की है, जिससे और अधिक ब्लैक होल का पता लगने और उनकी उत्पत्ति का अध्ययन करने का मार्ग खुला है। गुरुत्वाकर्षण लैसिंग वह जगह है जहां एक अग्र भाग वाली आकाशगंगा अधिक दूर की वस्तु से आने वाले प्रकाश को मोड़ती है और उसे आवर्धित करती है। डरहम यूनिर्विसटी, ब्रिटेन के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ताओं ने ब्लैक होल से प्रकाश के मुड़ने का गहन अध्ययन करने के बाद एक बहुत बड़े ब्लैक होल का पता लगाया जिसका द्रव्यमान उक्त आकाशगंगा में हमारे सूर्य के द्रव्यमान से 30 अरब गुना से अधिक है।

अध्ययन के निष्कर्ष का प्रकाशन पत्रिका ‘मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी’ में किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए खोजा गया यह पहला ब्लैक होल है। प्रमुख अध्ययनकर्ता और डरहम यूनिर्विसटी में भौतिकी विभाग में कार्यरत जेम्स नाइटिंगेल ने कहा, ‘इस खोज से हमें हमारे स्थानीय ब्रह्मांड के परे और भी अनेक ब्लैक होल मिल सकते हैं।’

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