शी चिनफिंग और पुतिन के बीच मुलाकात

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले 3 जुलाई की शाम को कजाकस्तान की राजधानी अस्ताना में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मुलाकात की। इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि इस साल मई महीने में राष्ट्रपति पुतिन ने चीन की सफल राजकीय यात्रा की। चीन और रूस के बीच.

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले 3 जुलाई की शाम को कजाकस्तान की राजधानी अस्ताना में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मुलाकात की। इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि इस साल मई महीने में राष्ट्रपति पुतिन ने चीन की सफल राजकीय यात्रा की। चीन और रूस के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अहम अवसर पर हमने एक साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास की योजना बनायी। बदलती अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के सामने हमारे दोनों पक्षों को पीढ़ी दर पीढ़ी मित्रता और नागरिकों को लाभ पहुंचाने के मूल इरादे पर कायम रहते हुए चीन-रूस संबंधों का विशेष मूल्य बढ़ाने के साथ सहयोग की अंतर शक्ति की खोज करनी होगी, ताकि दोनों देशों के कानूनी हितों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सावधानीपूर्वक बुनियादी मापदंड की रक्षा में नया प्रयोग किया जा सके।

शी चिनफिंग ने आगे कहा कि चीन और रूस को विकास की रणनीति का जुड़ाव और अंतर्राष्ट्रीय रणनीति में सहयोग लगतार मजबूत करना चाहिए। चीन ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष देश की जिम्मेदारी निभाने में रूस का समर्थन करता है। कल एससीओ अस्ताना शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। चीन रूस और अन्य सदस्य देशों के साथ एससीओ का विकास बढ़ाना चाहता है, ताकि और घनिष्ठ एससीओ साझा भाग्य वाला समुदाय बनाया जा सके। चीन और रूस को व्यापक रणनीतिक सहयोग मजबूत करने के साथ बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करना चाहिए और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता की रक्षा करनी होगी।

वहीं, पुतिन ने कहा कि अब रूस-चीन संबंध इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। दोनों पक्ष एक दूसरे का पारस्परिक सम्मान करते हैं, एक दूसरे के साथ समान व्यवहार करते हैं और आपसी लाभ व समान जीत पर कायम रहते हैं। रूस-चीन संबंध गुटनिरपेक्ष हैं, तीसरे पक्ष के खिलाफ नहीं हैं और दोनों देशों के लोगों की भलाई के अनुरूप है। रूस अपने मूल हितों और कानूनी अधिकारों की रक्षा में चीन का समर्थन करता है और चीन के अंदरूनी मामलों व दक्षिण चीन सागर से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप करने का विरोध करता है। चीन एससीओ की रोटेशन अध्यक्षता संभालेगा। चीन चीन का पूरा समर्थन करेगा और एससीओ का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव बढ़ाने में अन्य सदस्य देशों के साथ प्रयास करेगा। ब्रिक्स का वर्तमान अध्यक्ष देश होने के नाते रूस चीन के साथ संपर्क और सहयोग मजबूत करने की अपेक्षा में है।

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने समान दिलचस्पी वाले अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान भी किया। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन यूक्रेन संकट समेत क्षेत्रीय मामलों का राजनीतिक समाधान बढ़ाने में प्रयास करना चाहता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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