Nikhil Gupta को अमेरिकी अदालत में किया पेश, खालिस्‍तानी के हत्या की साजिश के लगे आरोप

अमेरिका में एक खालिस्तानी अलगाववादी की कथित हत्या के लिए सुपारी देने की साजिश में आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को पहली बार ट्रायल जज के सामने पेश किया गया।

न्यूयॉर्क: अमेरिका में एक खालिस्तानी अलगाववादी की कथित हत्या के लिए सुपारी देने की साजिश में आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को पहली बार ट्रायल जज के सामने पेश किया गया। फेडरल सीनियर जज विक्टर मारेरो ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद अगली तारीख 13 सितंबर तय की है। कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन पक्ष उस दिन सबूत लेकर आएं। खाकी शर्ट और पैंट पहने गुप्ता को अमेरिकी मार्शल कोर्ट के अंदर ले गए और वो डिफेन्स टेबल पर बैठ गया, जहां उसने कार्यवाही शुरू होने से पहले अपने वकील जेफरी चैब्रो के साथ बातचीत की।

पिछले साल जून में अमेरिका के अनुरोध पर निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और 14 जून को उसे अमेरिका लाया गया। 17 जून को उसे मजिस्ट्रेट जज जेम्स कॉट कि अदालत में पेश किया गया, जिन्होंने उसे हिरासत में रखने का आदेश दिया। मामले में अभियोजक सहायक जिला अटॉर्नी केमिली लाटोया फ्लेचर ने शुक्रवार को ट्रायल जज को गुप्ता के खिलाफ सरकार के केस के बारे में बताया। उन्होंने आरोपों को दोहराया कि गुप्ता ने भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक के खिलाफ एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर साजिश रची थी।

हालांकि दोनों की पहचान उन्होंने नहीं बताई। इशारा गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर था जो अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता वाला एक वकील है, और न्यूयॉर्क में रहता है और ‘सिख फॉर जस्टिस’ समूह का नेतृत्व करता है। भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया हुआ है। फ्लेचर ने कहा कि गुप्ता ने एक ‘हिटमैन‘ से बात की, हत्या की साजिश के लिए 100,000 डॉलर की कीमत तय की और उसे 15,000 डॉलर की अग्रिम राशि भी दी। अभियोजक सहायक जिला अटॉर्नी केमिली लाटोया फ्लेचर ने कहा कि जिस व्यक्ति को वह ‘हिटमैन‘ समझता था, वह वास्तव में एक अंडरकवर एजेंट था। फ्लेचर ने कहा कि सरकारी साक्ष्य में गुप्ता से जब्त किया गया फोन शामिल है, जिसमें भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ उसकी बातचीत दर्ज है।

उसने कहा कि जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ-साथ एफबीआई और ड्रग प्रवर्तन एजेंसी की सामग्री भी है। इसके अलावा, ‘हिटमैन‘ के साथ गुप्ता की बातचीत के वीडियो और ऑडियो भी हैं। गुप्ता के वकील चैब्रोवे ने गुप्ता के लिए सुरक्षा देने का अनुरोध किया, लेकिन जमानत नहीं मांगी। मैरेरो ने कहा कि बचाव पक्ष को मामले की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जायेगा। पेशी के दौरान कोर्ट रूम सिखों से भरा हुआ था, जिनमें से अधिकांश सफेद दाढ़ी वाले बुजुर्ग थे, जबकि कोर्ट हाउस के सामने सड़क के दूसरी ओर खालिस्तानियों का एक समूह था जिसने पीले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

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