China के तेज विकास से अन्य देशों को मिले अहम मौके

हाल के वर्षो में चीन को विश्व की सबसे तेज़ गति से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में जाना गया है। वर्तमान चीन में आर्थिक विकास के साथ सामाजिक बदलाव भी आसानी से देखे जा सकते है। कुछ नए वर्गों का उदय हुआ है इसमें सबसे प्रमुख है प्राइवेट उद्यमी जिनकी प्रमुखता चीन कि कम्युनिस्ट.

हाल के वर्षो में चीन को विश्व की सबसे तेज़ गति से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में जाना गया है। वर्तमान चीन में आर्थिक विकास के साथ सामाजिक बदलाव भी आसानी से देखे जा सकते है। कुछ नए वर्गों का उदय हुआ है इसमें सबसे प्रमुख है प्राइवेट उद्यमी जिनकी प्रमुखता चीन कि कम्युनिस्ट पार्टी में भी काफी है। चीन में मध्यम वर्ग का उदय भी महत्वपूर्ण रहा है। चीन में किसान अब एक सजातीय वर्ग नहीं रहा। इसका विभाजन प्रवासी एवं अन्य वर्गों में किया जाता है। उपभोक्तावाद संस्कृति का विकास खासकर शहरों में काफी तेज़ी से हुआ है। आज की तारीख में पश्चिमी देशों के सभी विख्यात फैशन ब्रांड चीन में उपलब्ध है लेकिन, यहाँ ये सवाल भी ज़हन में आता है कि ये सब हुआ कैसे? कैसे इस एशियाई देश ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना डंका बजाया? कोई और अन्य देश इतनी तेज़ी से विकास नहीं कर पाया?

आइये जानने की कोशिश करते हैं –

जब से चीन ने 1978 में अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना और सुधार करना शुरू किया, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर औसतन 9 प्रतिशत प्रति वर्ष रही है, और 800 मिलियन से अधिक लोगों ने खुद को गरीबी से बाहर निकाला है। इसी अवधि में स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सेवाओं तक पहुंच में भी महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। चीन के सुधार और खुलेपन के बाद से, चीनी लोगों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में अपने परिश्रम और बुद्धि के साथ देश के विकास में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। कई दशकों से, चीन के तेज विकास ने अनगिनत देशों के लिए निरंतर वृद्धि की प्रेरणा और महत्वपूर्ण अवसर दिए हैं, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। यहाँ ये समझना अहम हो जाता है कि किसी भी देश का विकास तभी संभव है जब वह स्वयं पर निर्भर रहे, और दूसरो पर अपनी निर्भरता को कम से कम करे यही चीन के विकास का “गुरूमंत्र” है। चीन जैसे 1.4 अरब जैसी विशाल आबादी वाले देश के लिए ये और भी महत्वपूर्ण है और चीन ने समय रहते ना सिर्फ़ इसे पहचाना बल्कि अपनी आबादी की असीमित ताक़त का सही जगह इस्तेमाल भी किया, जिसके फलस्वरूप आज चीन विश्व पटल पर अगली पंक्ति में अपने दम पर मज़बूती से खड़ा है।

ऐसा बिलकुल नहीं है कि चीन के विकास की राह बड़ी आसान थीं। आपको याद होगा कि 90 के दशक की शुरुआत में ही अमेरिका द्वारा चीन पर बड़े पैमाने पर ना सिर्फ़ आर्थिक प्रतिबंध लगाये बल्कि चीन को शुल्क और व्यापारिक सामान्य से समझौतों को करने से रोका गया, यही नहीं विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) में भी चीन के दाख़िले में तमाम मुश्किलें पैदा की। इस तरह के कई प्रतिबंध हाल के दिनों में भी अमेरिका द्वारा चीन पर लगाये गये मगर जग-जाहिर है, खुलेपन और विकास के मार्ग पर कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भी चीन ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं।

किसी देश की तरक़्क़ी में सबसे बड़ा योगदान उसके अपने लोगों का तो होता ही है मगर, देश का नेतृत्व भी इसमें बेहद महत्वपूर्ण रोल निभाता है । कहते है ना “सही दिशा के बिना, दशा नहीं सुधर सकती” इसी कड़ी में बात आती है चीन के सबसे महत्वपूर्ण नेता राष्ट्रपति शी चिनफिंग की। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के कार्यकाल में आर्थिक सुधारों का नया दौर शुरू हुआ है। साथ ही चीन की सरकार ने असमानता एवं ग्रामीण समस्या को दूर करने की लिए समावेशी विकास पर बल देने पर ज़ोर दिया है। राष्ट्रपति शी जो सीपीसी के प्रमुख होने के नाते जिन्होंने अपने परिश्रम और ज्ञान के साथ लगातार सुधार और खुलेपन को बढ़ावा दिया है और विकास के लिए संघर्ष किया है। वैसे भी महान उपलब्धियां बुलंद नेतृत्व, नैतिकता और विशाल साहस से हासिल की जाती हैं। चीन की आर्थिक उपलब्धियां चीन के आत्मविश्वास और राष्ट्रपति शी की प्रेरणा से प्राप्त हुई हैं।

यू तो अगर उपलब्धियों की सूची बनायी जाये तो बहुत लंबी हो जाएगी परंतु कुछ उपलब्धियाँ जो दिल को छू लेती है उनमें से कुछ एक है:

चीन ने पूर्ण गरीबी को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है

एक बड़े देश के रूप में, चीन ने पूर्ण गरीबी को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है। दुनिया भर में देखने पर यह राष्ट्रीय शासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह चीन की एक उपलब्धि है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन ने इसे कैसे हासिल किया, जो अन्य देशों की राजनीतिक पार्टियों और सरकारों के लिए सीखने लायक है।

यूरोपीय बाजार और विकासशील देशों के बीच संबंध

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक यह है कि उन्होंने ईमानदार, व्यावहारिक, आपसी लाभ और उभय जीत वाली ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल पेश की है। यह पहल क्षेत्रीय देशों के आर्थिक विकास के सामने मौजूद कई समस्याओं को हल करती है और इन देशों के लोगों की भलाई से संबंधित है। ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल से यूरोपीय बाजार और चीनी बाजार के बीच संबंध और करीब होंगे। इसके अलावा, यूरोप और एशिया को जोड़ने वाले केंद्र के रूप में मध्य पूर्व और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग भी गहरा हो रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एक बार कहा था, खुलेपन से प्रगति होती है जबकि एकांतता पिछड़ेपन की ओर ढकेलता है। वाकई, चीन दुनिया से अलग-थलग नहीं हो सकता है और वैश्विक समृद्धि के लिए दुनिया को चीन की जरूरत है। यह भी मूल्यवान प्रेरणाओं में से एक है जो चीन के सुधार और खुलेपन ने दुनिया को दी है।

चीन का आर्थिक विकास वाक़ई में किसी चमत्कार से कम नहीं है । चीन अपने दम पर, अपनी कड़ी मेहनत से और अपने कुशल नेतृत्व के बदौलत ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है, जो दुनिया के लिए एक प्रमुख विकास का इंजन है।

(रिपोर्टर—देवेंद्र सिंह)

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