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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114इस्लामाबादः पाकिस्तान में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दो सहयोगियों को रिहा करने का बुधवार को आदेश दिया। मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। अदालत ने लोक व्यवस्था संबंधी अध्यादेश (एमपीओ) के तहत लंबे समय तक हिरासत में रखे जाने के खिलाफ दोनों नेताओं की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के दो नेताओं – शहरयार अफरीदी और शनदाना गुलजार को पुलिस ने नौ मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में हिरासत में लिया था।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि वह शहर के उपायुक्त इरफान नवाज मेमन और एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अदालत की अवमानना ??के लिए अभ्यारोपित करेगा क्योंकि दोनों अधिकारियों ने न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है।खबराें के मुताबिक, अदालत ने मंगलवार को मेमन, पुलिस महानिरीक्षक अकबर नासिर खान, शहर के मुख्य आयुक्त और अन्य पुलिस अधिकारियों को ‘‘न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर अदालत की आपराधिक अवमानना’’ के मद्देनजर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
अदालत ने दो अधिकारियों से लिखित जवाब मांगा था कि ‘‘उन्हें न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए क्यों नहीं दंडित किया जाए।’’ अफरीदी को पहली बार 16 मई को एमपीओ अध्यादेश, 1960 की धारा-3 के तहत उनके इस्लामाबाद आवास से गिरफ्तार किया गया था। जेल से छूटने के बाद 30 मई को उन्हें उसी धारा के तहत फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में अफरीदी के वकील ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उनकी रिहाई और एमपीओ आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था। इस बीच, 9 अगस्त को इस्लामाबाद पुलिस ने कथित तौर पर गुलजार का अपहरण कर लिया था। गुलजार की मां ने अवैध गिरफ्तारी का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख किया।
न्यायाधीश बाबर सत्तार ने बुधवार को अफरीदी और शनदाना की याचिका पर सुनवाई की और उन अधिकारियों से जवाब मांगा जिन्हें मंगलवार को तलब किया गया था। मेमन बुधवार को जिला मजिस्ट्रेट का प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत में उपस्थित हुए, जबकि आईजी खान और मुख्य आयुक्त भी उपस्थित थे। पीटीआई नेताओं को भी अदालत में पेश किया गया। डीसी और एसएसपी का जवाब सुनने के बाद, न्यायमूर्ति सत्तार ने उनके तर्क को ‘‘संतोषजनक’’ नहीं माना और दोनों अधिकारियों को अदालत की अवमानना के लिए अभ्यारोपित करने का फैसला किया। पीटीआई के दोनों नेताओं के खिलाफ जारी एमपीओ आदेश को रद्द करते हुए अदालत ने उनकी रिहाई का आदेश दिया।