rocket
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114इस्लामाबादः पाकिस्तान (Pakistan) की एक अदालत ने गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में पहली प्राथमिकी रद्द करने तथा जमानत दिए जाने का अनुरोध करने वाली देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं। इमरान खान को पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज का खुलासा करने के लिए उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किए जाने के बाद अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान (Pakistan) की एक विशेष अदालत ने इस मामले में उन्हें तथा उनके करीबी सहयोगी पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को दोषी ठहराया था। दोनों नेता जेल में बंद हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के अध्यक्ष खान ने अगस्त में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने और इस मामले में जमानत के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे शुक्रवार को सुनाया गया।
यह मामला मार्च 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे एक दस्तावेज के बारे में है जिसे इमरान खान (Imran Khan) ने पिछले साल अप्रैल में यह कहते हुए राजनीतिक उद्देश्याें के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की थी कि यह उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने की विदेशी साजिश का सबूत है। खान और कुरैशी ने आरोप स्वीकार नहीं किए हैं। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने 30 सितंबर को खान तथा कुरैशी के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली खान की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत को खान को पहले 17 अक्टूबर को दोषी ठहराना था लेकिन खान के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उन्हें आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव लाकर सत्ता से बाहर कर दिया गया था। इस्लामाबाद की एक अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनायी थी जिसके बाद उन्हें इस साल पांच अगस्त को जेल में डाल दिया गया। वह अटक जिला जेल में हैं।
बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा निलंबित कर दी लेकिन उन्हें गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बाद में अदियाला जेल ले जाया गया। पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।