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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114इस्लामाबादः पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल-हक काकड़ ने अमेरिका को देश में चुनाव ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’’ ढंग से कराये जाने का आश्वासन दिया है। काकड़ को आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में आगामी आम चुनाव होने तक, 12 अगस्त को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। काकड़ बलूचिस्तान प्रांत के एक पश्तून हैं और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्य हैं। पाकिस्तान में आगामी कुछ महीनों में आम चुनाव होने की संभावना है और नेशनल असेंबली का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त हो गया है।
काकड़ ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) कहा, ‘‘अंतरिम सरकार संविधान के अनुसार पाकिस्तान में स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए काम करेगी।’’ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट कर काकड़ को बधाई दी थी। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने के लिए काकड़ को बधाई देते हुए, ब्लिंकन ने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि पाकिस्तान अपने संविधान के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है, हम आíथक समृद्धि के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।’’
काकड़ ने इसके जवाब में कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि, लोकतंत्र और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। इस सप्ताह की शुरुआत में, अमेरिका ने कहा था कि वह काकड़ और उनकी नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था, ‘‘हम जानते हैं कि पाकिस्तान में नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है और अनवार उल-हक काकड़ को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नामित किया गया है और हम कार्यवाहक प्रधानमंत्री तथा उनकी टीम के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।’’
वर्तमान में भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल जेल की सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाते रहे हैं। खान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। खान ने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण अमेरिका ने उन्हें निशाना बनाया। अमेरिका ने उनके आरोपों को कई बार खारिज किया है।