विज्ञापन

भारत के खिलाफ बयानबाजी कर बुरे फंसे POK PM, संयुक्त राष्ट्र से सख्त कार्रवाई की मांग

POK PM in Deep Trouble : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने हाल ही में भारत के खिलाफ जिहाद का आह्वान करके आलोचनाओं के केंद्र में आ गए हैं। कई लोगों ने उन्हें दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने की संभावना के लिए खतरा बताया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक.

POK PM in Deep Trouble : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने हाल ही में भारत के खिलाफ जिहाद का आह्वान करके आलोचनाओं के केंद्र में आ गए हैं। कई लोगों ने उन्हें दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने की संभावना के लिए खतरा बताया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हक ने ऐलान किया था कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर से भारतीय सेना को बाहर निकालने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाएगी। उनकी टिप्पणियों की व्यापक रूप से आलोचना की गई है।

5 जनवरी को मुजफ्फराबाद में आत्मनिर्णय के अधिकार दिवस पर आयोजित रैली में हक ने जोर देकर कहा, कि ‘यदि 3 रुपए में बिजली और 2,000 मन (प्रति मन लगभग 37 किलोग्राम) आटा उपलब्ध कराने से राज्य डूब नहीं जाता है, तो अल्लाह के मार्ग में जिहाद उचित है।‘ हक ने कहा कि भारतीय कश्मीर को आजाद कराने और घाटी में तैनात 10 लाख भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने के लिए जिहादी संस्कृति को पुनर्जीवित करने की वकालत की जानी चाहिए।

हक की भड़काऊ टिप्पणियों की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं ने व्यापक निंदा की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्ज ने हक के भाषण की निंदा करते हुए इसे खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने का एक हताश प्रयास बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की बयानबाजी से पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में हिंसा बढ़ने का खतरा है, संभावित रूप से धर्मनिरपेक्ष आवाजों को खतरा है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव बढ़ सकता है।

यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के नेता साजिद हुसैन ने हक के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, कि ‘यह बयानबाजी चरमपंथ पर आधारित है और कूटनीतिक मानदंडों से एक खतरनाक विचलन का प्रतिनिधित्व करती है। यह हिंसा को भड़का सकती है और शांतिपूर्ण तरीकों से कश्मीर मुद्दे को हल करने के प्रयासों को पटरी से उतार सकती है।

हुसैन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसे आतंकवादी उकसावों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र, एफएटीएफ और अन्य वैश्विक संस्थाओं से हक जैसे नेताओं को हिंसा भड़काने के लिए जवाबदेह ठहराने का आह्वान करते हैं।‘ पीओके में असंतोष बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों ने अपने राजनीतिक और आर्थकि मामलों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप के खिलाफ शिकायतें तेजी से व्यक्त की हैं। आलोचकों का तर्क है कि जिहाद पर हक का ध्यान पीओके के भीतर दबाव वाले मुद्दों, जिसमें आर्थिक कठिनाइयां और शासन की कमी शामिल है, से ध्यान हटाने की एक भटकाने वाली रणनीति है।

Latest News