सुधार और खुलेपन की नीतियों ने चीन को बनाया एक बड़ी आर्थिक शक्ति

चीन ने हाल के चार दशकों में विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चीन में जिस तरह का जबरदस्त बदलाव देखा गया है, वैसा शायद ही किसी अन्य देश ने देखा हो। चीन में जिस तरह व्यापार के क्षेत्र में खुलापन आया, उसका चीन के विकास में अहम योगदान रहा है। इसके साथ ही.

चीन ने हाल के चार दशकों में विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चीन में जिस तरह का जबरदस्त बदलाव देखा गया है, वैसा शायद ही किसी अन्य देश ने देखा हो। चीन में जिस तरह व्यापार के क्षेत्र में खुलापन आया, उसका चीन के विकास में अहम योगदान रहा है। इसके साथ ही चीन ने नवाचार और तकनीक पर विशेष ध्यान दिया है। जो कि सामाजिक-आर्थिक विकास में चीन का अहम प्रतीक कहा जा सकता है। जाहिर है कि चीन सरकार ने विदेशी कंपनियों को चीन में आगे बढ़ने के लिए व्यापक अवसर प्रदान किए हैं।

अस्सी के दशक की शुरुआत में चीन ने खुलेपन की नीति लागू की, उसके बाद चीन ने विकास की ऊंची छलांग लगायी। गौरतलब है कि इस दौरान चीनी नागरिकों के जीवन में भी काफी परिवर्तन देखा गया। शायद ही किसी को इस बात का अनुमान होगा कि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

जैसा कि हम जानते हैं कि 1980 के दशक में दूरदर्शी सोच रखने वाली कंपनियों ने विनिर्माण क्षेत्र में निवेश किया। जिससे चीन को दुनिया का कारखाना बनाने की नींव रखी गयी। चुनौती और जोखिम लेने का साहस दिखाने वाली कंपनियों ने चीन के विशाल बाजार को पकड़ने की पूरी कोशिश की। उन्होंने सही समय पर निवेश किया और साथ ही तकनीक व नवाचार का रास्ता भी अपनाया। उक्त कंपनियों ने न केवल खुद को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, बल्कि चीन में भी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के मौके मुहैया कराए। जिसके कारण लोगों को आगे बढ़ने के अवसर हासिल हुए। चीन में एक ओर बड़ी कंपनियों ने देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाई, वहीं छोटी कंपनियों के योगदान को भी कम नहीं कहा जा सकता है।

वहीं 1990 के दशक में चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बड़ा इजाफा हुआ। जो कि बुनियादी ढांचे, संचार व कृषि आदि विभिन्न क्षेत्रों में रहा। चीन सरकार ने खुलापन अपनाया, विकास का माहौल प्रदान किया, जबकि विदेशी कंपनियों ने अपनी तकनीक और पूंजी का इस्तेमाल किया। जिसने चीन की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम रोल निभाया।

चीन में हुए विकास का असर पूरी दुनिया पर देखा जा सकता है। क्योंकि दुनिया के विभिन्न देश एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले परिवर्तन में चीन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उदाहरण के लिए कोरोना महामारी के दौर में समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था कमजोर हालत में थी। लेकिन चीन ने सबसे पहले वैश्विक कमज़ोरी को उबारने का काम किया। विश्व की नजर चीन पर बनी रही, क्योंकि चीन सबसे तेज़ी से विकास करने वाले देशों में अग्रणी रहा। जो चीन द्वारा निभायी गयी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। जिस तरह से चीन ने विभिन्न योजनाएं चलायीं और जरूरतमंद देशों की और मदद का हाथ बढ़ाया, उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।

(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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