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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114जून 2013 में, विश्व खाद्य और कृषि संगठन की महासभाने प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में नामित किया। मृदा खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा और व्यापक पारिस्थितिक तंत्र सुरक्षा के लिए बहुत अहम हैं।चीन के विशाल क्षेत्र है, जिसमें ह्यूमिड-थर्मो फेरलिटिक, भूरी मिट्टी, दालचीनी मिट्टी और काली मिट्टी सहित 15 प्रकार की मृदा मौजूद है। इस मिट्टी की सुरक्षा और गुणवत्ता की रक्षा करना चीन के कृषि निर्माण और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जैसा कि कहा जाता है, “यदि आपके हाथ में भोजन है, तो आप अपने दिल में नहीं घबराते।” खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में पहला कदम मिट्टी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि “सभी पहलुओं में खाद्य सुरक्षा की नींव को मजबूत करें”, “खाद्य सुरक्षा की नींव को चौतरफा मजबूत करें”और “सुनिश्चित करें कि चीनी लोगों के खाने का कटोरा उनके अपने हाथों में है”।और चीन ने हाल के वर्षों में खाद्य सुरक्षा की रक्षा, मिट्टी की सुरक्षा और खेती योग्य भूमि की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या उपलब्धियां हासिल की हैं? आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में चीन का कुल अनाज उत्पादन 682.85 मिलियन टनरहा , जो 2020 की तुलना में 13.36 मिलियन टन अधिक है।प्रति इकाई क्षेत्र में पैदावार भी बढ़कर 5,805 किग्रा/हेक्टेयर हुई, जिसमें 2020 की तुलना में 71.5 किग्रा/हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गयी।
इसके अलावा, मिट्टी की सुरक्षा और खेती योग्य भूमि की गुणवत्ता भी राष्ट्रीय पारिस्थितिक सुरक्षा को सुरक्षित रखने का हिस्सा है।पारिस्थितिक सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली की एक महत्वपूर्ण आधारशिला है। एक सुरक्षित पारिस्थितिकी के लिए नीला आसमान, साफ नदियां और झीलें, स्वच्छ हवा और स्वस्थ मिट्टी की आवश्यकता होती है। भविष्य में, चीन मिट्टी की सुरक्षा का अनुकूलन करना जारी रखेगा और प्रदूषित कृषि भूमि की सुरक्षित उपयोग दर बढ़ाने का प्रयास करेगा। इस तरह अपने स्वयं के कार्यों के साथ “मानव जाति के लिए साझा भविष्य का समुदाय” बनाने की जरूरत है।
(साभार- चाइनामीडियाग्रुप, पेइचिंग)