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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114China News : दस साल पहले चीनी नेता ने पहली बार चीनी विशेषता वाली प्रमुख देश कूटनीति का प्रस्ताव रखा। पिछले दस वर्षों के अभ्यास पर नजर डालने पर, चीन ने विश्व शांति के निर्माता, वैश्विक विकास में योगदानकर्ता और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के रक्षक होने के अपने राजनयिक अवधारणा को पूरी तरह से लागू किया है। और यह अवधारणा शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के राजनयिक सिद्धांतों और नये चीन की स्थापना के बाद से अपनाए गए आपसी समझ और आवास के सिद्धांत के अनुसार द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने की कूटनीति के अनुरूप है।
2014 में, चीनी नेता ने पहली बार प्रस्ताव रखा कि चीन के विदेशी कार्य में विशिष्ट चीनी विशेषताएं और चीनी शैली होनी चाहिए। 2017 में आयोजित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 19वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि चीन की विशेषता प्राप्त प्रमुख देश की कूटनीति का पालन किया जाएगा। 2018 में, चीन के सर्वोच्च नेता ने चीन के विदेशी कार्यों से यह मांग की कि राष्ट्रीय कायाकल्प की सेवा और मानव प्रगति को बढ़ावा देना, मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ाना तथा चीनी विशेषताओं के साथ प्रमुख देशों की कूटनीति में एक नई स्थिति बनाना चाहिये। जिसने चीनी विशेषताओं के साथ प्रमुख देशों की कूटनीति को सर्वांगीण तरीके से चलाने के लिए एक बुनियादी रणनीति स्थापित करने की सही दिशा बताई है।
1955 में आयोजित बांडुंग सम्मेलन में, चीन और भारत आदि देशों के नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रसिद्ध “शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों” की वकालत की, जिसके मुताबिक दुनिया के सभी देशों को, उनके आकार की परवाह किए बिना, विश्व राजनीति में भाग लेने का समान अधिकार होना चाहिए। इतिहास से बचे हुए शेष मुद्दों, जैसे सीमा मुद्दे, को समानता, आपसी समझ और समायोजन की भावना से बातचीत के माध्यम से ठीक से संभाला जाना चाहिए। सीमा मुद्दों पर औपनिवेशिक शासकों की विरासत को प्राप्त करने का प्रयास करना अस्वीकार्य है। इस सैद्धांतिक के मुताबिक चीन ने अपने अधिकांश भूमि पड़ोसियों के साथ सीमाओं का सीमांकन किया है और आसपास के क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखी।
आज की दुनिया में कोई भी देश अकेल से सभी वैश्विक समस्याओं को हल नहीं कर सकता है। केवल मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय की भावना में सहयोग कर ही विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है। बड़े देश की कूटनीति की सोच के मार्गदर्शन में, बाहरी वातावरण के बिगड़ने और कुछ देशों द्वारा जानबूझकर चीनी अर्थव्यवस्था को दबाने के बावजूद, चीन अभी भी बाजार के उद्घाटन का विस्तार जारी रखने, व्यापारिक माहौल को अनुकूलित करने और संयुक्त सहयोग को गहराने पर जोर देता है। उद्देश्य है कि मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के माध्यम से विश्व में बहुपक्षीय और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)