कृत्रिम रूप से प्रजनन वाले पांडा की संख्या 20 वर्षों में 500 से अधिक पहुंची

पांडा चीनी संस्कृति का एक विशिष्ट प्रतीक माना जाता है, जो न केवल चीन की अनूठी पशु संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि चीनी राष्ट्र की बुद्धि, मित्रता और शांति का भी प्रतीक है। पांडा को कई बार खेल समारोह के शुभंकर के रूप में इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के लिये वर्ष 1990 में.

पांडा चीनी संस्कृति का एक विशिष्ट प्रतीक माना जाता है, जो न केवल चीन की अनूठी पशु संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि चीनी राष्ट्र की बुद्धि, मित्रता और शांति का भी प्रतीक है। पांडा को कई बार खेल समारोह के शुभंकर के रूप में इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के लिये वर्ष 1990 में आयोजित पेइचिंग एशियाई खेलों का शुभंकर“फानफान”, वर्ष 2008 में आयोजित पेइचिंग ओलंपिक का शुभंकर“चिंगचिंग”, वर्ष 2022 में आयोजित पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक का शुभंकर“बिंगडुनडुन”, और वर्तमान में आयोजित हो रहे छंगतू यूनिवर्सियाड का शुभंकर“रोंगबाओ”। उन सभी का प्रोटोटाइप पांडा ही है।
पांडा, जो 80 लाख वर्षों से पृथ्वी पर रह रहा है, दुनिया में जैव विविधता संरक्षण की प्रमुख प्रजाति है। एक बार लुप्तप्राय होने के बाद, पांडा को चीन के “राष्ट्रीय खजाने” के रूप में माना जाता है। चीन ने पांडा के संरक्षण और उनकी संख्या और प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। 5 अगस्त 2003 को छंगतू स्थित पांडा प्रजनन अनुसंधान आधार में एक पांडा शावक का जन्म हुआ और यह चीन में कृत्रिम प्रजनन से बचने वाला पहला पांडा बना। मई 2023 तक चीन में जंगली पांडा की संख्या बढ़कर 1,864 हो गई है, और वहाँ 548 कृत्रिम रूप से पैदा हुए पांडा हैं, जिनकी कुल संख्या 2,412 है। इस उपलब्धि को हासिल करने में चीन को 20 साल लग गए।
खुशी की बात यह है कि वर्ष 2021 में पांडा के खतरे के स्तर को “लुप्तप्राय” से घटाकर “असुरक्षित” कर दिया गया है। यह चीन में जंगली प्रजातियों के रहने के वातावरण के उन्नयन की पुष्टि करता है। दसेक वर्षों में चीन ने कृत्रिम रूप से पाले गए पांडा को फिर से जंगल में लाने और जंगली आबादी का विस्तार करने में निरंतर प्रयास किये, और पांडा के लिये 67 प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों की स्थापना की है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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