जल संसाधन संरक्षण के लिए जिम्मेदारी से कार्य करता तिब्बत

तिब्बत की समुद्री सतह से औसत ऊँचाई चार हजार मीटर से अधिक है। यहां बड़ी संख्या वाली नदियां और झीलें हैं। प्रचुर जल संसाधन पठारीय पर्यावरण व्यवस्था, जैव विविधता और आसपास क्षेत्रों के पारिस्थितिकी संतुलन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्णँ भूमिका निभाता है, जो चीन का महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पारिस्थितिकी बैरियर है। इधर कुछ साल तिब्बत.

तिब्बत की समुद्री सतह से औसत ऊँचाई चार हजार मीटर से अधिक है। यहां बड़ी संख्या वाली नदियां और झीलें हैं। प्रचुर जल संसाधन पठारीय पर्यावरण व्यवस्था, जैव विविधता और आसपास क्षेत्रों के पारिस्थितिकी संतुलन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्णँ भूमिका निभाता है, जो चीन का महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पारिस्थितिकी बैरियर है। इधर कुछ साल तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों ने जल संसाधन के संरक्षण और सुधार पर खास जोर दिया और कई उपलब्धियां हासिल की हैं। विश्व की छत पर मानवता और जल संसाधन के सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व का नजारा दिख रहा है।

वर्ष 2013 से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा ने ल्हासा नदी के चतुर्मुखी सुधार परियोजना शुरू की। वर्ष 2019 में ल्हासा ने इस नदी के गुजरने वाले इलाकों में पारिस्थितिकी बहाली परियोजना लागू की और दोनों किनारों पर पारिस्थितिक दृश्य स्थलों का निर्माण शुरू किया। अब ल्हासा नदी की जल गुणवत्ता में बड़ा सुधार आया है और नदी के पास कई पार्क स्थापित हुए हैं, जहां नागरिकों के घूमने और विश्राम करने के अच्छे स्थल बन चुके हैं।

वर्ष 2018 में तिब्बत में चौतरफा तौर पर नदी व झील के प्रमुखों का तंत्र स्थापित किया गया। तिब्बत की प्रत्येक नदी और झील की देखभाल के लिए जिम्मेदार अधिकारी हैं। ल्हासा नदी के शहरी सेक्टर के प्रबंधन पर 40 से अधिक पेशेवर कर्मचारी हैं। वे रोज नदी के तट पर गश्ती लगाते हैं और पर्यावरण संरक्षण का काम करते हैं।    

ल्हालू वेटलैंड ल्हासा शहर के उत्तर पश्चिम में स्थित है, जो राष्ट्रीय दर्जे वाला प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र है। इस वेटलैंड का क्षेत्रफल लगभग 1220 हेक्टेयर है, जो चीन का सब से बड़ा प्राकृतिक शहरी वेटलैंड है। उसे ल्हासा का फेफड़ा और ल्हासा नागरिकों का प्राकृतिक ऑक्सीजन बार भी कहा जाता है। इधर कुछ साल पारिस्थितिकी बहाली और जल व्यवस्था के सुधार से ल्हालू वेटलैंड का क्षेत्रफल निरंतर बढ़ रहा है और पारिस्थितिकी तंत्र का समग्र क्रियाकलाप प्रभावी रूप से बहाल हुआ है। इस प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र प्रबंधन ब्यूरो के उप निदेशक निमाडोजे ने बताया कि वन्य जीव पर्यावरण का बैरोमीटर हैं। इधर कुछ साल सर्दी में इस वेटलैंड में आने वाले पक्षियों की संख्या और पक्षियों की किस्मों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। ल्हालू वेटलैंड प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद बन गया है।

पासोंग त्सो का अर्थ तिब्बती भाषा में हरित पानी है। वह पूर्वी तिब्बत के लिन ची क्षेत्र में पहाड़ों के बीच स्थित एक सुंदर झील है और मशहूर पर्यटल स्थल भी है। इस क्षेत्र के जिम्मेदार व्यक्ति ने मीडिया को बताया कि यहां संचालित सभी गाड़ियां और नौकाएं स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग करती हैं। झील के किनारे पेशेवर कर्मचारी रोज सफाई करते हैं। दृश्य क्षेत्र में प्रदूषित पानी के निपटारे का कारखाना भी है। जल सम्बंधी ठोस नीतियों के कार्यांवयन से तिब्बत के समग्र पारिस्थितिकी पर्यावरण में बड़ा सुधार आया है। तिब्बत के हरित,कम कार्बन और गुणवत्ता विकास को बढ़ावा भी मिला है।

(साभार—वेइतुंग, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

  

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