इंडिया बाजार उत्सव में टोरंटो के Mayor Olivia Chow ने किया भांगड़ा

टोरंटोः टोरंटो की मेयर ओलिविया चाउ ने यहां जेरार्ड इंडिया बाजार में उत्तरी अमेरिका के सबसे बड़े भारतीय उत्सव में शामिल होकर भांगड़ा किया और बॉलीवुड धुनों पर नृत्य किया। उत्तरी अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे बड़े जेरार्ड इंडिया भारतीय बाज़ार के 21वें वार्षकि उत्सव में तीन लाख से अधिक लोग एकत्रित हुए। टोरंटो.

टोरंटोः टोरंटो की मेयर ओलिविया चाउ ने यहां जेरार्ड इंडिया बाजार में उत्तरी अमेरिका के सबसे बड़े भारतीय उत्सव में शामिल होकर भांगड़ा किया और बॉलीवुड धुनों पर नृत्य किया। उत्तरी अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे बड़े जेरार्ड इंडिया भारतीय बाज़ार के 21वें वार्षकि उत्सव में तीन लाख से अधिक लोग एकत्रित हुए। टोरंटो के मेयर ने उत्सव की शुरुआत की। भोजन, बॉलीवुड संगीत, नृत्य और मौज-मस्ती के दो दिवसीय कार्यक्रम में कनाडा में रहने वाले भारतीयों, पाकिस्तानियों, गोरों, अश्वेतों और अन्य जातीय समूहों को आकर्षित किया।

जेरार्ड स्ट्रीट पर सात ब्लॉकों में फैला बाजार खचाखच भरा रहा। लाउडस्पीकरों से बजते बॉलीवुड संगीत के बीच मौज-मस्ती के शौकीन, भोजन, संगीत प्रेमी और खरीदार दुकानों, खाद्य स्टालों और मंचों पर उमड़ पड़े। आयोजकों ने कनाडाई लोगों को भारत के सबसे पसंदीदा खेल से परिचित कराने के लिए इस साल क्रिकेट गली भी पेश की। ‘‘इस वर्ष उत्सव में 40 प्रतिशत से अधिक गैर-भारतीय समेत तीन लाख से अधिक लोग शामिल हुए। जेरार्ड इंडिया बाज़ार के अध्यक्ष चांद कपूर ने कहा, यह हमारी संस्कृति, भोजन और खेल को हमारी अगली पीढ़ियों के साथ-साथ मुख्यधारा से परिचित कराने का एक बेहतरीन मंच बन गया है।

दो दिवसीय उत्सव के दौरान विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के 300 से अधिक कलाकारों ने प्रदर्शन किया। जेरार्ड इंडिया बाज़ार के कार्यकारी निदेशक तसनीम बंदूकवाला ने कहा, ‘‘हमने कलाकारों की इतनी विविधता कभी नहीं देखी है। ऐसा लगता है कि हर कोई बॉलीवुड की ओर आकर्षति है।’ उन्होंने कहा कि बाजार में फैले सैकड़ों व्यवसायों ने जोरदार कारोबार किया। टोरंटो के अधिकारियों ने दो दिवसीय मौज-मस्ती के लिए रास्ता बनाने के लिए सड़क पर कारों का चलना बंद कर दिया।

बंदूकवाला ने कहा, कि ‘हमारे कई रेस्तरां ने केवल त्योहार के लिए कुछ विशेष व्यंजन तैयार किए।‘ 1970 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ, जेरार्ड इंडिया बाज़ार पूर्वी कनाडा के पहले गुरुद्वारे के पास आया, जिसे 1969 में पेप एवेन्यू सिख मंदिर कहा जाता था। एक समय यह बाज़ार उत्तरी अमेरिका में भारतीय किराने का सामान खरीदने का एकमात्र स्थान था। न्यूयॉर्क, ओटावा, बफ़ेलो और मॉन्ट्रियल जैसे दूर-दराज के स्थानों से भारतीय जेरार्ड इंडिया बाज़ार में खरीदारी करने के लिए टोरंटो जाते थे। यह बाजार उत्तरी अमेरिका के पहले भारतीय सिनेमा हॉल का भी घर था, जिसे नाज़ कहा जाता था, जिसे 1970 के दशक में एक पंजाबी परिवार द्वारा शुरू किया गया था।

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