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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114पडांगः इंडोनेशियाई बचावकर्मियों ने माउंट मरापी में सोमवार को फिर से हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद 12 लापता पर्वतारोहियों की तलाश रोक दी है। अधिकारियों ने बताया कि दोबारा हुए विस्फोट से आसमान में 800 मीटर तक राख की मोटी परत फैल गई। वेस्ट सुमात्र की खोज और बचाव एजेंसी के प्रमुख अब्दुल मलिक ने बताया कि इससे पहले 11 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए गए, लेकिन दोबारा हुए विस्फोट के कारण उन्हें ले जाने के प्रयास में बाधा उत्पन्न हुई।
उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार होने के बाद तलाश अभियान फिर से शुरू किया जाएगा। एजेंसी द्वारा जारी एक वीडियो में बचावकर्मियों को एक घायल पर्वतारोही को स्ट्रेचर पर पहाड़ से बाहर निकालते हुए और अस्पताल ले जाने के लिए इंतजार कर रही एम्बुलेंस में ले जाते हुए दिखाया गया है। इससे पहले माउंट मरापी में रविवार को विस्फोट हुआ था, जिससे आसमान में राख की मोटी परत छा गई और राख के बादल कई किलोमीटर तक फैल गए।
ज्वालामुखी विज्ञान और भूवैज्ञानिक आपदा शमन केंद्र के प्रमुख हेंड्रा गुनावां ने कहा, कि ज्वालामुखी 2011 के बाद से चार चेतावनी स्तरों में से तीसरे उच्चतम स्तर पर बना हुआ है, यह स्तर सामान्य से ऊपर ज्वालामुखी गतिविधि का संकेत देता है तथा ज्वालामुखी शिखर के तीन किलोमीटर क्षेत्र के भीतर पर्वतारोहियों और ग्रामीणों की आवाजाही को प्रतिबंधित करता है। उन्होंने कहा, कि ‘इसका मतलब है कि चोटी पर कोई चढ़ाई नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों को कम खतरनाक क्षेत्रों में जाने की अनुमति थी, ‘‘लेकिन उनमें से कई ने आगे चढ़ने की अपनी संतुष्टि को पूरा करने के लिए नियमों को तोड़ दिया।’’
शनिवार को करीब 75 पर्वतारोहियों ने 2,900 मीटर ऊंचे पर्वत पर चढ़ाई शुरू की थी और वे फंस गए। पडांग में स्थानीय तलाश एवं बचाव एजेंसी के एक अधिकारी हैरी अगस्टियन ने बताया कि इनमें से 8 को रविवार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जब उनसे पूछा गया कि फंसे हुए लोगों की कुल संख्या कितनी हो सकती है, तो उन्होंने कहा कि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि कुछ लोगों ने पहाड़ पर चढ़ने के लिए अवैध रास्ते अपनाए होंगे तथा स्थानीय लोग भी इसमें हो सकते हैं।