पक्षियों के लिए जीवित रहने का एक महत्वपूर्ण आधार जल

जल पृथ्वी पर सभी के जीवन का आधार है। अधिकांश प्रवासी पक्षी अपने जीवन चक्र के दौरान जलीय पारिस्थितिक तंत्र पर निर्भर रहते हैं। अंतर्देशीय और तटीय आर्द्रभूमि, नदियाँ, झीलें, झरने, दलदल और तालाब पक्षियों के लिए खाने, पीने या घोंसला बनाने के लिए महत्वपूर्ण स्थान हैं, साथ ही जहाँ प्रवास के दौरान पक्षियों के.

जल पृथ्वी पर सभी के जीवन का आधार है। अधिकांश प्रवासी पक्षी अपने जीवन चक्र के दौरान जलीय पारिस्थितिक तंत्र पर निर्भर रहते हैं। अंतर्देशीय और तटीय आर्द्रभूमि, नदियाँ, झीलें, झरने, दलदल और तालाब पक्षियों के लिए खाने, पीने या घोंसला बनाने के लिए महत्वपूर्ण स्थान हैं, साथ ही जहाँ प्रवास के दौरान पक्षियों के लिये आराम और ऊर्जा की भरपाई करते हैं।

दुर्भाग्य से, दुनिया भर में जलीय पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से खतरे में आ रहे हैं और उन पर निर्भर प्रवासी पक्षी भी संकट में हैं। पर्यावरण प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन के साथ मानवता की पानी की बढ़ती मांग बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को सीधे तौर पर प्रभावित करती है।

दुनिया भर की सुर्खियाँ खतरे की घंटी बजा रही हैं कि पिछले 50 वर्षों में, दुनिया भर में 35 प्रतिशत आर्द्रभूमि (जो प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण है) नष्ट हो गई है। यूटा की ग्रेट साल्ट लेक, पश्चिमी गोलार्ध की सबसे बड़ी खारे पानी की झील और दस लाख से अधिक समुद्री पक्षियों का घर, पांच साल के भीतर गायब होने का खतरा है। नवीनतम रिपोर्ट के मताबिक दुनिया की 48 प्रतिशत पक्षी प्रजातियों की जनसंख्या में गिरावट आ रही है।

द्विवार्षिक विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का उद्देश्य लोगों को दुनिया भर में प्रवासी पक्षियों के सामने आने वाले खतरों और प्रवासी पक्षियों के पारिस्थितिक महत्व को समझने में मदद करना है, जिससे प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला जा सके। परंपरा के अनुसार, वर्ष 2023 विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को, यानी 13 मई और 14 अक्टूबर को आयोजित किया जाना निर्धारित है। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2023 का विषय “जल : पक्षियों के जीवन को बनाए रखना” है, जो प्रवासी पक्षियों के लिए जल के महत्व पर केंद्रित है।

चीन दुनिया में सबसे अधिक पक्षी प्रजातियों वाले देशों में से एक है, जिसमें 1,445 पक्षी प्रजातियाँ मौजूद हैं। इनमें 800 से अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजातियाँ शामिल हैं। चीन पश्चिमी प्रशांत, पूर्वी एशिया-ऑस्ट्रेलिया, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया-पूर्वी अफ्रीका आदि चार प्रवासी पक्षी प्रवास गलियारों के मध्य में स्थित है। प्रवास अवधि के दौरान हर साल चीन में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी इधर-उधर उड़ते हैं। 

तेजी से आर्थिक विकास और बढ़ती आबादी के साथ, चीन की जलीय पारिस्थितिक सुरक्षा गंभीर दबाव का सामना कर रही है। जलीय पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा और पुनर्स्थापना के लिए, चीन ने अनेक उपाय किए हैं और कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। सबसे पहले, चीन ने जलीय पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा और प्रबंधन को मजबूत किया है। पारिस्थितिक संरक्षण क्षेत्रों और जल के लिये सख्त प्रबंधन प्रणाली स्थापित करके, चीन ने झीलें, नदियां और महासागर आदि पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा को मजबूत किया है।

दूसरा, चीन जल प्रदूषण नियंत्रण और जल पारिस्थितिक बहाली परियोजनाओं को सख्ती से बढ़ाता है। सीवेज उपचार सुविधाओं के निर्माण, संचालन और प्रबंधन को मजबूत करके, चीन ने जल निकायों से प्रदूषक उत्सर्जन को काफी कम कर दिया है। साथ ही, चीन ने आर्द्रभूमि बहाली और फाइटोरेमेडिएशन आदि जल पारिस्थितिक बहाली परियोजनाओं की एक श्रृंखला को अंजाम दिया है, जिसने जल निकायों की आत्म-शुद्धि क्षमता और जलीय पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता में प्रभावी ढंग से सुधार किया है। उदाहरण के लिए, चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में पर्ल नदी बेसिन में नदी बहाली परियोजना ने पर्ल नदी जल निकाय में काफी सुधार किया है और जल पारिस्थितिकी तंत्र को धीरे-धीरे बहाल किया है।

तीसरा, चीन ने जल संसाधनों के संरक्षण व उपयोग और जल पारिस्थितिक क्षतिपूर्ति तंत्र की स्थापना को सक्रिय रूप से बढ़ाया है। जल संसाधन प्रबंधन और प्रेषण को मजबूत करके, चीन ने जल संसाधन उपयोग की दक्षता में प्रभावी ढंग से सुधार किया है। साथ ही, चीन ने आर्द्रभूमि पुनर्स्थापन और फाइटोरेमेडियेशन आदि जल पारिस्थितिक बहाली परियोजनाओं की एक श्रृंखला को अंजाम दिया है, जिससे जल निकायों की आत्म-शुद्धि क्षमता और जलीय पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता में प्रभावी ढंग से सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए, यांग्त्ज़ी नदी बेसिन में जल संसाधन विनियमन और जल पारिस्थितिक मुआवजा तंत्र ने यांग्त्ज़ी नदी के पारिस्थितिक पर्यावरण की प्रभावी ढंग से रक्षा की है। बेसिन में विभिन्न क्षेत्रों के सतत् विकास को बढ़ाया गया है। 

वहीं, चीन जलीय पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी सक्रिय रूप से बढ़ाता है। अन्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग के माध्यम से, चीन और संबंधित पक्ष मीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा में आने वाली समस्याओं का संयुक्त अध्ययन और समाधान करते हैं। उदाहरण के लिए, चीन ने आर्द्रभूमि संरक्षण परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ सहयोग किया है, जिसने आर्द्रभूमि संरक्षण के स्तर में सुधार किया है और अन्य देशों को मूल्यवान अनुभव व तकनीकी सहायता प्रदान की है।

हाल के वर्षों में, चीन के जलीय पारिस्थितिक संरक्षण कार्य ने उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए हैं। वर्तमान तक, चीन में आर्द्रभूमि क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल 65 लाख से अधिक हेक्टेयर पहुंचा है, जो दुनिया के कुल आर्द्रभूमि क्षेत्र का 10 प्रतिशत से अधिक है। आर्द्रभूमि संरक्षण के माध्यम से, चीन ने अनेक दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों की सफलतापूर्वक रक्षा की है, साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता में भी सुधार किया है। साथ ही, वर्ष 2023 में चीन के राष्ट्रीय जल संसाधनों में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 4 अरब क्यूबिक मीटर की वृद्धि हुई है। चीन में जल संसाधन उपयोग दक्षता में भी सुधार हुआ है। इन आंकडों के मुताबिक, चीन जलीय पारिस्थितिक संरक्षण में महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त कर रहा है।

चीन दुनिया के साथ जलीय पारिस्थितिक संरक्षण में चीनी अवधारणाओं, चीनी ज्ञान व चीनी अनुभव को साझा करने को तैयार है। साथ ही चीन विश्व जलीय पारिस्थितिक संरक्षण प्रणाली में सुधार करने के लिए सकारात्मक योगदान देने को तैयार है। चीन पृथ्वी पर जीवन के साझा समुदाय के संयुक्त निर्माण के लिए सद्भाव की एक नई तस्वीर चित्रित करने को तैयार है। इसके अलावा चीन वैश्विक जलीय पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए “चीनी शक्ति” का योगदान करने को तैयार है।

(साभार – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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