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चीन को अमेरिका के मनमाने टैरिफ से मुकाबला करने का आत्मविश्वास कहां से आया?

इन दिनों चीन अमेरिका के मनमाने टैरिफ के सामने मजबूती से पलटवार कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक प्रमुख देश की जवाबदेही और संकल्प जाहिर हुआ है। स्थानीय विश्लेषकों के विचार में इस टैरिफ वार में चीन का आत्मविश्वास मुख्य तौर पर तीन पहलुओं से आता है। सबसे पहले चीन के पास व्यवस्था.

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इन दिनों चीन अमेरिका के मनमाने टैरिफ के सामने मजबूती से पलटवार कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक प्रमुख देश की जवाबदेही और संकल्प जाहिर हुआ है। स्थानीय विश्लेषकों के विचार में इस टैरिफ वार में चीन का आत्मविश्वास मुख्य तौर पर तीन पहलुओं से आता है। सबसे पहले चीन के पास व्यवस्था का लाभ है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मजबूत नेतृत्व में चीन सरकार पूरे देश की शक्ति एकत्र कर महत्वपूर्ण कार्यों को बखूबी अंजाम दे सकती है। जब केंद्र सरकार आदेश देती है, तो विभिन्न जगत और क्षेत्र इसका पालन करते हैं। चीन की समरसता, संगठन और निष्पादन की शक्ति असाधारण है। संकट व बड़ी चुनौती के वक्त इसका स्पष्ट लाभ है।

अमेरिकी कथित पारस्परिक टैरिफ प्रभावी होने के बाद 7 अप्रैल को चीनी शेयर बाजार में भारी गिरावट आयी। एक ही दिन में बाजार में 76 खरब युआन की संपत्ति का नुकसान हुआ और घबराहट भरा माहौल दिखा। ऐसे नाजुक वक्त पर चीनी राजकीय निवेश कंपनियों केंद्रीय हुइचिन कंपनी, चीनी छंगतुंग और चीनी क्वोशिंग ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि वे शेयर बाजार के स्थिर संचालन की सुरक्षा करेंगी और शेयरों की संपत्ति बढ़ाएंगी। चाइना ऑयल समेत कई केंद्रीय उद्यमों ने भी अपने-अपने शेयर खरीदने की घोषणा की ।केंद्रीय बैंक ने बाजार में पर्याप्त तरलता प्रदान करने का वादा किया। विभिन्न पक्षों की कोशिशों से चीनी शेयर बाजार में फिर तेजी आयी और स्थिर संचालन बहाल हुआ।

चीन का आत्मविश्वास अपनी मजबूत आर्थिक शक्ति और आधार पर भी निर्भर है। चीन विश्व का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक समुदाय है। वर्ष 2024 में चीन की जीडीपी 1349 खरब युआन थी, जो पिछले साल की औसत विनिमय दर के मुताबिक करीब 189.4 खरब डॉलर थी। चीनी मैन्यूफेक्चरिंग का आकार वर्ष 2010 से अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व के पहले स्थान पर बना हुआ है। पिछले साल वैश्विक मैन्यूफेक्चरिंग में चीन का अनुपात 34 प्रतिशत हुआ, जो अमेरिका का दो गुना है। उल्लेखनीय बात है कि विश्व में सिर्फ चीन के पास संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक वर्गीकरण में पंजीकृत सभी 41 बड़े सेक्टरों ,207 मध्यम सेक्टरों और 666 छोटे सेक्टरों के उद्योग मौजूद हैं। ऐसे पूरे कवर से चीन में व्यावसायिक चेन के क्लस्टर का लाभ है। इसके अलावा, चीन विश्व का सबसे बड़ा वस्तु व्यापार देश है और विश्व में 150 से अधिक देशों व क्षेत्रों के मुख्य व्यापार साझेदार है। चीन में विश्व का सबसे बड़ा और सुविधाजनक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क भी स्थापित हुआ है। चीन के एक्सप्रेस वे ,रेलवे और हाई स्पीड रेलवे की लंबाई विश्व के पहले स्थान पर है। इन चमकदार आंकड़ों के पीछे चीनी लोगों की लंबे समय की मेहनत है। ऐसे आर्थिक आधार पर चीनी अर्थव्यवस्था का शक्तिशाली लचीलापन होता है।

पूर्वी चीन का चच्यांग प्रांत स्थित यीवु शहर विश्व में सबसे बड़ा लघु उत्पाद केंद्र है, जिसे वैश्विक सुपर बाजार कहा जाता है। अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के बाद यीवु बाजार के प्रमुख संचालन पक्ष लघु उत्पाद सिटी कंपनी ने निवेशकों के संबंधित प्रश्न के जवाब में साफ कहा कि अमेरिकी टैरिफ नीति से यीवु बाजार के समग्र कारोबार पर व्यावहारिक प्रभाव नहीं पड़ा और ईवु के निर्यात पर सिर्फ सीमित प्रभाव है। वहां के अधिकांश व्यापारियों के विचार में उनकी वस्तुओं की गुणवत्ता श्रेष्ठ है और कीमतें सस्ती हैं और एकल बाजार के खतरे के मुकाबले की क्षमता है।

उधर, चीन अब गुणवत्तापूर्ण विकास के रास्ते पर चल रहा है और शानदार उपलब्धियां भी हासिल हुई हैं। चीन का आर्थिक ढांचा निरंतर सुधर रहा है, आर्थिक कुशलता और लाभ तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2024 में वैश्विक सृजन रैंकिंग में चीन 11वें स्थान पर पहुंच गया। बड़े वैज्ञानिक व प्रौद्योगिकी ढांचागत संस्थापनों के व्यवस्थित निर्माण को जोरशोर से आगे बढ़ाया जा रहा है। चंद्र सर्वेक्षण, डीप सी सर्वेक्षण जैसे बड़े सृजनात्मक परिणाम निरंतर उभर रहे हैं। रणनीतिक नवोदित व्यवसायों के आविष्कार पेटेंट की संख्या 13 लाख 49 हजार हो गयी है, जो विश्व में अग्रसर है। नवीन ऊर्जा, एआई, लो-अल्टीट्यूड इकॉनमी, रॉबोट समेत भावी व्यवसायों के विकास में समृद्धि दिखाई दे रही है। इस साल, चीन 14वीं पंचवर्षीय योजना पूरा करेगा और अगले साल 15वीं पंचवर्षीय का अभियान शुरू करेगा। चीन का लक्ष्य वर्ष 2035 तक आमतौर पर आधुनिकीकरण का लक्ष्य पूरा करना है। इस सबसे चीन को अपने भविष्य पर पक्का विश्वास है।

गौतरलब है कि चीन और अन्य पक्षों के दबाव से अमेरिका ने 10 अप्रैल को कुछ व्यापार साथियों पर रेसिप्रोकल शुल्क लगाना अस्थाई तौर पर स्थगित किया। 12 अप्रैल को अमेरिका ने कम्प्यूटर, स्मार्टफोन, सेमी कंटक्टर उपकरण आदि उत्पादों को रेसिप्रोकल शुल्क से मुक्त कराया। पर चीन की नजर में यह सिर्फ अमेरिका द्वारा एकतफा तौर पर गलती ठीक करने का छोटा कदम है। चीन को उम्मीद है कि अमेरिका बड़ा कदम उठाकर रेसिप्रोकल टैरिफ पूरी तरह रदद् करेगा और पारस्परिक आदर तथा समाततापूर्ण वार्ता से मतभेदों का समाधान करेगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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