- विज्ञापन -

बिजली विभाग के अधिकारियों से मिले अविनाश चौधरी

विजयपुर: सामाजिक कार्यकर्त्ता व बॉर्डर वैल्फेयर आर्गनाइजेशन के चेयरमैन अविनाश चौधरी ने रामगढ़ में स्थित बिजली विभाग में सहायक कार्यकारी अभियंता (एईई) अशोक दूबे, सहायक अभियंता (एई) सचिन टिकू से भेंट की। अविनाश चौधरी ने सर्वप्रथम उनको सब डिवीजन रामगढ़ में स्तानांतरण के पश्चात पदभार ग्रहण करने पर स्वागत कर शुभकामनाएं दी। अविनाश चौधरी ने.

- विज्ञापन -

विजयपुर: सामाजिक कार्यकर्त्ता व बॉर्डर वैल्फेयर आर्गनाइजेशन के चेयरमैन अविनाश चौधरी ने रामगढ़ में स्थित बिजली विभाग में सहायक कार्यकारी अभियंता (एईई) अशोक दूबे, सहायक अभियंता (एई) सचिन टिकू से भेंट की। अविनाश चौधरी ने सर्वप्रथम उनको सब डिवीजन रामगढ़ में स्तानांतरण के पश्चात पदभार ग्रहण करने पर स्वागत कर शुभकामनाएं दी। अविनाश चौधरी ने अधिकारियो को क्षेत्र की समस्याओं से भी अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि इस समय उमस भरी गर्मी ने जीना मुहाल कर रखा है। ऐसे में अघोषित बिजली कटौती बहुत ज्यादा सितम ढा रही है।

उन्होंने कहा कि रामगढ़ के ज्यादातर सीमावर्ती इलाकों में चार माह से इसी तरह बिजली कटौती हो रही है, जिसका लोग विरोध भी कर रहे हैं परंतु निवारण देखने को नहीं मिल रहा। अविनाश ने बताया कि एक तरफ मौसम की बेरु खी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, तो वहीं बिजली विभाग किसानों की मुसीबतों को हल करने हेतु प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है। मौजूदा समय में किसान अपनी धान की फसल लगाने के लिए बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। बिजली की अनियमित कटौती से पंपसेटों से खेतों की सिचाई नहीं हो पा रही।

जिसके लिए लोग समय समय पर आला अधिकारियों से मुलाकात कर बिजली की आपूर्ति की मांग करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। इस समय फसलों को पानी देने का समय है लिहाजा बिजली की आपूर्ति की जानी चाहिए। वहीं अविनाश ने अधिकारियों से अपील करते हुए विभाग द्वारा चलाई गई एमनेस्टी स्कीम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि रामगढ़ क्षेत्र में कई ऐसे गांव अभी भी हैं जहां लोगों को इस योजना के बारे में जागरूकता नहीं है। लोग विभाग पर भरोसा नही कर पा रहे है, लिहाजा विभाग को गांव-गांव में जागरूकता कैंप का आयोजन करना चाहिए और लोगों को इस योजना का लाभ लेने के लिए जागरूक करना चाहिए।

वहीं अविनाश ने अधिकारियों से रामगढ़ की सीमावर्ती पंचायतों जिसमे केसों पंचायत, लगवाल पंचायत, रंगूर पंचायत, नंगा पंचायत और खानपुर पंचायत के बारे में बताते हुए कहा कि इन पंचायतों के लोगों की जमीनें सुरक्षा बांध के आगे हैं। वहां पर उनकी जमीनों में पंप सेट लगे थे, लेकिन लगभग सात वर्ष पहले आई बाढ़ से सारी जमीन पंप सेट सहित बाढ़ में बह गई थी, जो आज तक आबाद नही हुई है, लेकिन आज तक उन किसानों को ब्याज सहित पंप सेटों के बिल भेजे जा रहे हैं, जोकि अस्वीकार्य है।

बाढ़ से जमीनों सहित पंप सेट तक खो चुके किसानों को बिल भेज कर परेशान किया जा रहा है। लिहाजा बॉर्डर वैल्फेयर आर्गनाइजेशन यह मांग करती है की सीमावर्ती पंचायतों के किसानों के पुराने सारे बिल माफ किए जाए। अविनाश चौधरी ने कहा की हम उम्मीद करते हैं कि नव स्थानांतरित हुए बिजली विभाग के अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों के समक्ष इन सब समस्याओं को पेश कर आम जनमानस की परेशानियों को हल करवाने का प्रयास करेंगे।

- विज्ञापन -

Latest News