श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के श्रीनगर अपराध शाखा ने नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के आरोप में एक शिक्षक और दो राजस्व अधिकारियों (अब सेवानिवृत्त) के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। श्रीनगर की विशेष अपराध शाखा ने दो दिन पहले भ्रष्टाचार निरोधक अदालत अनंतनाग में तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों को असली बताकर पेश करना), 201 (अपराध के सबूतों को मिटाना), रणबीर दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 5(2)के अंतर्गत आरोप पत्र दायर किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कुलगाम के तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर अपराध शाखा कश्मीर में मामला दर्ज किया गया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि अरिगतनू तहसील कुलगाम के रशीद-उल-हसन को गुर्जर आरक्षित यानी अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के आधार पर 2007 में सेवा चयन बोर्ड द्वारा शिक्षक के रूप में गलत दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त किया गया था। शिक्षक रशीद ने 07 नवंबर, 2007 को क्षेत्रीय शिक्षा कार्यालय कुलगाम में अपनी नियुक्ति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी और एसटी, स्थायी निवास प्रमाणपत्र और जन्म तिथि प्रमाणपत्र सहित आवश्यक प्रमाण पत्र, दस्तावेज प्रस्तुत किया था।
बयान में कहा गया कि प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान पता चला कि शिक्षक की वास्तविक जाति‘वागे’है और उसने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अपनी जाति‘वागे’से बदलकर ‘गुर्जर’ की है। इसके बाद 2012 में धारा 420,120-बी आर/डब्ल्यू 5(2) पीसी अधिनियम के अंतर्गत पुलिस थाना अपराध शक्षा कश्मीर में एक औपचारिक मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। जांच के दौरान गवाहों के बयान दर्ज किए गए। संबंधित विभाग से रिकॉर्ड प्राप्त किए गए।
जांच में सामने आया कि लाभार्थी, यानी की मुख्य आरोपी है, अन्य दो आरोपी राजस्व अधिकारियों (अब सेवानिवृत्त) के साथ मिलकर, तहसील कार्यालय कुलगाम में अपनी जाति बदलवाने में कामयाब रहा था। बयान के अनुसार आरोपी अधिकारियों ने अपने पदों का दुरुपयोग किया और आपराधिक साजिश रचते हुए आरोपी लाभार्थी के लिए फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जारी किया, जिसका उपयोग उसने एसटी श्रेणी में जिला कुलगाम में शिक्षक के रूप में खुद को चयनित/ नियुक्त करने के लिए किया।