अगर पश्चिम एशिया का संघर्ष गाजा से बाहर फैलता है, तो भारतीय प्रभावित होंगे: उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर पश्चिम एशिया का संघर्ष गाजा से आगे फैल गया, तो बड़ी संख्या में क्षेत्र में काम करने वाले भारतीय प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर संघर्ष लंबा चला तो हम निश्चित रूप से प्रभावित होंगे। अन्य देशों की तुलना में हमारे अधिक नागरिक.

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर पश्चिम एशिया का संघर्ष गाजा से आगे फैल गया, तो बड़ी संख्या में क्षेत्र में काम करने वाले भारतीय प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर संघर्ष लंबा चला तो हम निश्चित रूप से प्रभावित होंगे। अन्य देशों की तुलना में हमारे अधिक नागरिक उस क्षेत्र में काम करते हैं। अगर संघर्ष गाजा से बाहर फैलता है तो हमारे लोग इससे प्रभावित होंगे।’’

उमर ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसलिए हम चाहते हैं कि युद्ध रुके, बमबारी रुके। संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों को न्याय करना होगा। वे अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियमों का मापदंड नहीं अपना सकते।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र ने (इजराइल-हमास के) मौजूदा संघर्ष पर चुप्पी साध रखी है, तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि संरा ने गाजा में जारी मानवीय संकट के बारे में बात की है, लेकिन इसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया गया है, जितना लिया जाना चाहिए था।

उमर ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र चुप नहीं है, लेकिन वह जो कह रहा है दुर्भाग्य से उस पर अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा। जहां तक मैंने देखा, संयुक्त राष्ट्र ने वहां मानवीय संकट के बारे में बात की है, लेकिन इजराइल को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों से इतना समर्थन मिल रहा है कि हमें संयुक्त राष्ट्र का उपयुक्त प्रभाव नहीं दिख रहा है।’’

इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पश्चिम एशिया की स्थिति को लेकर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार एक तरफ फलस्तीनियों के लिए सहायता सामग्री भेज रही है जबकि उनके समर्थन में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई।

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