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जबरन वसूली की कोशिश और हत्या की साजिश रचने के 3 आरोपियों को अदालत ने किया बरी

The court acquitted 3 accused

The court acquitted 3 accused

महाराष्ट्र डेस्क : ठाणे की एक अदालत ने एक व्यक्ति से जबरन वसूली करने और उसकी हत्या की साजिश रचने के मामले में आरोपित तीन लोगों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस. बी. अग्रवाल ने चार मार्च को दिए गए आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा।

आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि पांच दिसंबर 2021 से 20 मार्च 2022 के बीच आरोपियों ने ठाणे जिले के मीरा रोड स्थित शांति नगर इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगने की साजिश रची और रंगदारी न देने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। आरोपियों ने उस व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी, उसके निवास स्थान, कार्यालय और वाहन की जानकारी एकत्र की तथा इसे अपने सहयोगियों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा। उन्होंने साजिश के तहत दो पिस्तौल और कारतूस भी हासिल किए।

फॉरेंसिक रिपोर्ट में नहीं हुआ साबित

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पुलिस के जबरन वसूली विरोधी प्रकोष्ठ ने समय रहते कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मुकदमे के दौरान, अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को अपर्याप्त पाया। अदालत ने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह साबित नहीं हुआ कि आरोपी अपराध में शामिल थे।

वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ में उसकी पहचान स्पष्ट नहीं थी और यह भी प्रमाणित नहीं हुआ कि उन्होंने स्वयं शिकायतकर्ता से संपर्क किया था। अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि जब्त किए गए दस्तावेज, सिम कार्ड और यूएसबी ड्राइव आरोपियों के थे या अपराध में उपयोग किए गए थे। इसके बाद अदालत ने मोहम्मद अराफात उर्फ गुड्डू उर्फ साइको उर्फ चिकना आरिफ लोखंडवाला (40), शाकिर उमरुद्दीन मंसूरी (46) और जावेद उमरुद्दीन मंसूरी (40) को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

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