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आखिर गृह मंत्री ने बाबासाहेब के बारे में ऐसा क्या कहा कि विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया, समझिए इस VIDEO के माध्यम से

नई दिल्ली :  बीते दो दिनों से विपक्ष संसद के बाहर हो या अंदर सभी जगह प्रदर्शन करते दिख रहा है। यह हंगामा गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक बयान के बाद से शुरु हुआ है। ऐसे में हम सबके मन में एक सवाल तो जरूर होगा कि आखिर अमित.

नई दिल्ली :  बीते दो दिनों से विपक्ष संसद के बाहर हो या अंदर सभी जगह प्रदर्शन करते दिख रहा है। यह हंगामा गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक बयान के बाद से शुरु हुआ है। ऐसे में हम सबके मन में एक सवाल तो जरूर होगा कि आखिर अमित शाह ने राज्यसभा में ऐसा क्या कह दिया कि विपक्ष ने उनके बात को लेकर पूरी तरह से हंगामा खड़ा कर दिया है। आइए समझते है इस पूरी खबर को एक वीडियो के माध्यम से…

दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का बयान विवादों में घिर गया है। बुधवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और संविधान के नाम का अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करते हैं। उनके इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और अमित शाह पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया। इसके बाद, विपक्ष ने उनसे माफी मांगने और गृह मंत्री के पद से इस्तीफे की मांग की है।

आपको बता दें कि अमित शाह ने इस मुद्दे पर अपने बयान के बचाव में कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से अनुरोध किया कि उनका पूरा बयान जनता के सामने रखा जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कभी भी अंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती और उनके सिद्धांतों का पालन हमेशा किया है।

इस विवाद के बाद, PIB (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) ने अमित शाह के बयान का पूरा अनकट वीडियो जारी किया। इस वीडियो में यह दिखाया गया कि कुछ मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पर उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था। अमित शाह ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी इस तरह के एडिटेड वीडियो का सामना किया है, खासकर चुनाव के दौरान, जब उनके बयान को AI तकनीक से संपादित किया गया था।

वहीं जब उनसे यह पूछा गया कि क्या बीजेपी विपक्ष के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगी, तो अमित शाह ने कहा कि पार्टी सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है और संसद के अंदर और बाहर, जो भी कानूनी कार्रवाई संभव होगी, उसे लिया जाएगा।

 

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