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वायु प्रदूषण दिल के मरीजों के लिए खतरनाक… समय रहते करें बचाव, नहीं तो बढ़ेगी दिक्कत

शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के 2024 साइंटिफिक सेशन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत इंटरमाउंटेन हेल्थ अध्ययन के परिणामों से पता चला कि दो इंफ्लमेशन मार्कर - सीसीएल27 (सी-सी मोटिफ केमोकाइन लिगैंड 27) और आईएल-18 (इंटरल्यूकिन 18) हार्ट फेलियर के रोगियों में बढ़ा था।

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Air Pollution Increase Heart Problem : एक नए अध्ययन में दिल के मरीजों को वायु प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता के प्रभावों से बचने की हिदायत दी गई है। शोधकर्ताओं ने 115 विभिन्न प्रोटीनों का विशेष रूप से अध्ययन किया, जो शरीर में जलन और सूजन बढ़ाने के संकेत देते हैं।

शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के 2024 साइंटिफिक सेशन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत इंटरमाउंटेन हेल्थ अध्ययन के परिणामों से पता चला कि दो इंफ्लमेशन मार्कर – सीसीएल27 (सी-सी मोटिफ केमोकाइन लिगैंड 27) और आईएल-18 (इंटरल्यूकिन 18) हार्ट फेलियर के रोगियों में बढ़ा था।

Air Pollution Increase Heart Problem

ये वो लोग थे जो खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में थे। जबकि पिछले शोधों से पता चला है कि हार्ट फेल, कोरोनरी रोग, अस्थमा और सीओपीडी जैसी कुछ समस्याओं से जूझ रहे लोग वायु प्रदूषण की स्थिति से संघर्ष कर रहे होते हैं तो, नया अध्ययन दर्शाता है कि खराब वायु गुणवत्ता के दौरान इन रोगियों के हृदय में जलन या सूजन का स्तर बढ़ जाता है।

शोध के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख अन्वेषक बेंजामिन हॉर्न ने कहा, ‘ये बायोमार्कर उन लोगों में बढ़े मिले जो हृदय रोग से पीड़ित थे। लेकिन जो हृदय रोग से पीड़ित नहीं थे उनमें ये नहीं दिखा। यह दर्शाता है कि ऐसे मरीज पर्यावरण में होने वाले बदलावों के हिसाब से ढल नहीं पाते हैं ।‘ शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से 115 विभिन्न प्रोटीनों के लिए रक्त परीक्षणों को देखा जो शरीर में जलन या सूजन बढ़ने के संकेत हैं।

ये स्पाइक्स या तो गर्मयिों में जंगल की आग के धुएं के कारण या सर्दयिों के मौसम में हुए परिवर्तन से होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दो जलन या सूजन मार्कर – सीसीएल27 और आईएल-18 हार्ट फेल के रोगियों में बढ़े हुए थे, जो यह दर्शाता है कि इस तरह के वायु प्रदूषण की घटनाओं से उन रोगियों के शरीर पर अधिक दबाव पड़ता है जिन्हें पहले से ही हृदय की समस्या है।

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