Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rocket domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114
अनियमित धड़कन के जोखिम को बढ़ा रहा है वायु प्रदूषण: अध्ययन - Dainik Savera Times | Hindi News Portal
विज्ञापन

अनियमित धड़कन के जोखिम को बढ़ा रहा है वायु प्रदूषण: अध्ययन

नयी दिल्ली: लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से एरिथेमिया या अनियमित दिल की धड़कन का जोखिम बढ़ जाता है। चीन के 322 शहरों में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई। शोधकर्ताओं ने कहा कि सामान्य रूप से दिल की धड़कन में असमानता की स्थिति ‘एट्रियल फाइब्रिलेश’ और ‘एट्रियल फ्लटर’ अनुमानत:.

- विज्ञापन -

नयी दिल्ली: लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से एरिथेमिया या अनियमित दिल की धड़कन का जोखिम बढ़ जाता है। चीन के 322 शहरों में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई। शोधकर्ताओं ने कहा कि सामान्य रूप से दिल की धड़कन में असमानता की स्थिति ‘एट्रियल फाइब्रिलेश’ और ‘एट्रियल फ्लटर’ अनुमानत: दुनियाभर में 5.97 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है। दिल की धड़कन में असमानता बढक़र गंभीर हृदय रोग में बदल सकती है।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण हृदय रोग के लिए एक परिवर्तनीय जोखिम कारक है, लेकिन इसे एरिथेमिया से जोड़ने वाले साक्षय़ असंगत रहे हैं। शोधकर्ताओं ने 322 चीनी शहरों में 2025 अस्पतालों के आंकड़ों का उपयोग करके वायु प्रदूषण के प्रति घंटे के संपर्क और एरिथेमिया के लक्षणों की अचानक शुरुआत का मूल्यांकन किया।

चीन के शंघाई के फूडान विश्वविद्यालय के रेंजी चेन ने कहा, ह्लहमने पाया कि परिवेशी वायु प्रदूषण का गहन संपर्क एरिथेमिया के बढ़े जोखिम से जुड़ा है जिसके लक्षण नजर आते हैं।चेन ने कहा, ह्लजोखिम शुरुआती कुछ घंटों के दौरान प्रदूषण के संपर्क में आने पर नजर आया और 24 घंटे तक बना रह सकता है। छह प्रदूषकों और दिल की धड़कन में असमानता के चार उप प्रकारों के बीच जोखिम-प्रतिक्रिया संबंध सांद्रता की स्पष्ट सीमा के बिना लगभग रैखिक थे।ह्व इस अध्ययन में 1,90,115 रोगियों को शामिल किया गया, जिनमें ‘एट्रियल फाइब्रिलेशन, एट्रियल फ्लटर, समय से पहले धड़कन और सुप्रावेंट्रिकुलर टैचीकाíडया’ सहित रोगसूचक दिल की धड़कन में अनियमितता की तीव्र शुरुआत थी।उन्होंने कहा कि छह प्रदूषकों में, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) का सभी चार प्रकार के एरिथेमिया के साथ सबसे मजबूत संबंध था और जितना अधिक जोखिम (प्रदूषकों से संपर्क) उतना ही ज्यादा खतरा। अध्ययन के लेखकों ने कहा, ह्लहालांकि सटीक तंत्र अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है, वायु प्रदूषण और एरिथेमिया की शुरुआत के बीच संबंध जो हमने देखा वह जैविक रूप से संभाव्य है।

Latest News