जब भी किसी को कोई मामूली चोट लगती है तो उसे हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है। दादी-नानी के नुस्खे में यह बेहद ही खास और दमदार है। वैसे तो हल्दी अपने गुणों की वजह से बेहद खास है, मगर क्या आप जानते हैं, अंबा हल्दी साधारण हल्दी से काफी बेहतर है। अंबा हल्दी की बात करें तो इसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरिया के अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट्स तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
अंबा हल्दी का स्वाद भले ही नॉर्मल हल्दी के मुकाबले थोड़ा कसैला हो। मगर, अपने गुणों की वजह से यह बेहद ही खास है। इसे काफी चमत्कारिक माना जाता है। आयुर्वेद में भी अंबा हल्दी को गुणों का खजाना बताया गया है। इसके अनगिनत फायदे हैं। अंबा हल्दी पौधे की जड़ में पैदा होती है। अंबा हल्दी के लाभ जानने के लिए आईएएनएस ने न्यूट्रिशनिस्ट निधि चौधरी से बात की।
उन्होंने बताया, अंबा हल्दी लाइपोक्सिनेज और इंड्यूसिबल लेवल को कम करने में बहुत ही बेहतर तरीके से काम करती है। ये सूजन कम करने के साथ जोड़ों के दर्द में भी आराम देती है। अगर आपके शरीर में कोई पुरानी चोट या पुराना दर्द है तो इसमें अंबा हल्दी बेहद ही आराम देने का काम करती है। नियमित रूप से इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
न्यूट्रिशनिस्ट ने कहा, अंबा हल्दी को कच्ची हल्दी के नाम से भी जाना जाता है। ये दर्द में राहत देने के अलावा कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सही बनाए रखने में मदद करती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे कोई भी नॉर्मल इंसान अपनी डाइट में शामिल कर सकता है। जरूरी नहीं है कि वह किसी प्रकार के दर्द या बीमारी का शिकार हो। यह व्यक्ति को डिप्रेशन से दूर रखने के साथ सेहतमंद बनाए रखने का काम करती है। अंबा हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की कोशिकाओं को शरीर में बढ़ने से रोकता है। यह पुरुषों में होने वाले खतरनाक प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाती है।
अंबा हल्दी को इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बात करते हुए निधि चौधरी ने बताया, इसे लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप आधा पानी और आधा दूध लें। इसके और लाभ पाने के लिए इसमें साबूत काली मिर्च मिलाकर इसे उबालें, जब तक ये मिश्रण आधा ना रह जाए। इसके बाद सेवन करें। इसे अच्छे से मिलाएं और ध्यान रखें कि मिलाते समय इसमें झाग आने चाहिए, तभी हल्दी अपना असर दिखाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी पुरानी चोट या पुराने दर्द से आराम पाने के लिए इसका सेवन कम से कम 21 दिन तक करना चाहिए।