Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

विशेषज्ञ निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी को परामर्श दवा के रूप में पुन: श्रेणीबद्ध करने के पक्ष में नही

नई दिल्ली: विशेषज्ञों ने कहा है कि निकोटिन ‘रिप्लेसमैंट थैरेपी’ सुरक्षित है और यह व्यक्तियों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है, लेकिन उन्होंने ऐसी पद्धतियों को चिकित्सकों के परामर्श वाली दवाओं के रूप में पुन:श्रेणीबद्ध करने के प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का मानना है कि चिकित्सकों के परामर्श वाली दवाओं के रूप में इन्हें पुन:श्रेणीबद्ध करने का कदम तंबाकू का सेवन बंद करने के इच्छुक लोगों तक इनकी पहुंच को सीमित कर देगा।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के तहत औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) ने निकोटिन ‘रिप्लेसमैंट थैरेपी’ केवल अधिकृत चिकित्सकों के परामर्श पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है। निकोटिन ‘रिप्लेसमैंट थैरेपी’ (एनआरटी) के लिए निकोटिन पोलाक्रिलेक्स गम, लोजेंज और ट्रांसडर्मल पैच का उपयोग किया जाता है।

विशेषज्ञों ने कहा है कि एनआरटी, इसके बगैर धूम्रपान छोड़ने के प्रयास की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक संभावना प्रदान करता है, और यह चिकित्सकों के परामर्श के बिना भी सुरक्षित एवं आसानी से उपलब्ध है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. चंद्रकांत एस पांडव ने भारत में तंबाकू संबंधी समस्या के उन्मूलन तरीकों तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश में तंबाकू के सेवन से 28.6 प्रतिशत वयस्क प्रभावित होते हैं, जिनमें से विशेष रूप से 42 प्रतिशत पुरुष और 14.2 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित होती हैं।

सिगरेट के स्थान पर निकोटिन उत्पाद का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प
डॉक्टर पांडव ने कहा, ‘दुर्गम भौगोलिक स्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में चुनौतियां बरकरार हैं, जो एनआरटी को सुलभ बनाने के महत्व को रेखांकित करती है।’ डाक्टर सजीला मैनी ने कहा, ‘धूम्रपान का उन्मूलन करने की अपनी वर्षों की कवायद में, मैंने पाया है कि निकोटिन रिप्लेसमैंट थैरेपी एक प्रमुख उपाय है। सिगरेट के स्थान पर निकोटिन उत्पाद का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प है। यह इसकी लत छोड़ने की इच्छा बढ़ाने में सबसे प्रभावी है।’

उन्होंने कहा, धूम्रपान उन्मूलन के हमारे प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, हमें एनआरटी तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। तंबाकू की लत दुनिया में सर्वाधिक व्यापक व्यसनों में से एक है। वास्तव में, हमें इस खतरे को रोकने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा, ‘तंबाकू की लत समाप्त करने की कवायद भारत में अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है।

हमें जनता को धूम्रपान छोड़ने में सहायता करने के लिए एनआरटी जैसे वैज्ञानिक रूप से समर्थित विकल्पों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है और इस प्रकार उन्हें तंबाकू-धूम्रपान और तंबाकू चबाने से होने वाली बीमारियों की चपेट में आने से बचाया जा सकता है।’ डॉ. पांडव ने 2023 में किए गए अध्ययनों, जैसे कि ओडिशा में किए गए एक अध्ययन की ओर भी इशारा किया, जिसमें धुआं रहित तंबाकू के उपयोग को रोकने में एनआरटी का प्रभाव कारगर दिखा था।

Exit mobile version