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इलाज की जगह बचाव पर दें ध्यान, विशेषज्ञों ने सांझा की अपनी राय

Focus on Prevention : नया साल के जश्न के साथ हमारे पास मौजूद सबसे मूल्यवान संपत्ति- हमारे स्वास्थ्य पर विचार करने का क्षण भी है। यही वजह है कि हेल्थकेयर विशेषज्ञों का मानना है कि प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की ओर ध्यान देना जरूरी है। ऐसे समय में जब तनाव, खराब आहार और गतिहीन जीवन शैली सामान्य बात.

Focus on Prevention : नया साल के जश्न के साथ हमारे पास मौजूद सबसे मूल्यवान संपत्ति- हमारे स्वास्थ्य पर विचार करने का क्षण भी है। यही वजह है कि हेल्थकेयर विशेषज्ञों का मानना है कि प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की ओर ध्यान देना जरूरी है। ऐसे समय में जब तनाव, खराब आहार और गतिहीन जीवन शैली सामान्य बात हो गई है, अग्रणी चिकित्सा पेशेवर प्रिवेंटिव हेल्थकेयर (निवारक स्वास्थ्य देखभाल) की तत्काल आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।

अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करने से न केवल शारीरिक नुकसान होता है, बल्कि इससे वित्तीय, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक बोझ भी पड़ता है। हैदराबाद के प्रसिद्ध स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विशेषज्ञों ने इस बारे में अपने विचारों को साझा करने के लिए एक साथ आए हैं। जिससे लोग कैसे अपनी सेहत की रक्षा कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

तनाव को प्रबंधित करने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से लेकर स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से वित्तीय सुरक्षा हासिल करने तक, ये विशेषज्ञ सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए उचित सलाह देते हैं। उनका संदेश स्पष्ट है: आज बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में छोटे, लगातार कदम उठाने से कल बड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है।

प्रतिष्ठित कार्डियोथोरेसिक सजर्न डॉ. बी. भास्कर राव ने हृदय स्वास्थ्य के लिए तनाव प्रबंधन और सक्रिय जीवनशैली के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘तनाव और मोटापा हृदय स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से हैं,‘ उन्होंने इन जोखिमों को कम करने के लिए स्क्रीन टाइम को कम करने और शारीरिक गतिविधि को शामिल करने जैसे सरल जीवनशैली परिवर्तनों पर जोर दिया। डॉ. राव ने कहा, ‘आइए हम मिलकर दिल की धड़कन को महत्वपूर्ण बनाने के लिए काम करें,‘ उन्होंने लोगों से पौष्टिक भोजन, व्यायाम और तनाव मुक्त जीवनशैली के साथ अपने हृदय स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

ऑर्थोपेडिक सजर्न डॉ. गायत्री कामिनेनी ने जोड़ों और हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बागवानी, घरेलू काम और टहलने जैसी रोजमर्रा की शारीरिक गतिविधियों की वकालत की। उन्होंने घरेलू कार्यों के बारे में रूढ़िवादिता को तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों का आवाहन किया और पुरुषों और महिलाओं दोनों को ऐसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

ऑर्थो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. बी. किशोर रेड्डी ने स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती लागत के दौर में चिकित्सा बीमा के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. रेड्डी ने कहा, ‘कैंसर और उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं।‘ उन्होंने 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों से नियमित जांच करवाने का आग्रह किया। उन्होंने अप्रत्याशित स्वास्थ्य चुनौतियों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और व्यापक चिकित्सा बीमा प्राप्त करने की दोहरी रणनीति पर जोर दिया।

डॉ. सी. मल्लिकाजरुन ने युवा व्यक्तियों में स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती चिंताजनक वृद्धि पर बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह जीवनशैली में बदलाव और तनाव गुर्दे की पथरी और प्रजनन संबंधी समस्याओं जैसी स्थितियों में योगदान करते हैं। डॉ. मल्लिकाजरुन ने युवाओं को दीर्घकालिक जटिलताओं से बचने के लिए हाइड्रेटेड रहने, संतुलित आहार बनाए रखने और तनाव कम करने जैसे निवारक उपायों को अपनाने की सलाह दी।

डॉ देवानंद कोलोथोडी ने कहा कि स्वास्थ्य की अनदेखी करने से बहुत नुकसान होता है। उन्होंने लोगों से नियमित जांच, खान-पान का ध्यान रखने, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य के माध्यम से रोके जा सकने वाले स्वास्थ्य संकटों से बचने का आग्रह किया। डॉ कोलोथोडी ने जोर देकर कहा, ‘2025 वह वर्ष हो जिसमें हम अपने स्वास्थ्य में निवेश करें ताकि हमारा भविष्य अधिक सुरक्षित हो।‘

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