Health Tips: सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए जरूर खाएं ये 5 पहाड़ी अनाज, कई बड़ी बीमारियां रहेंगी दूर

  नई दिल्ली: सर्दियों में लोग अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखते हैं। उत्तराखंड में कई ऐसी प्राकृतिक चीजे हैं, जोकि शरीर को गर्म रखने के साथ ही सर्दियों से भी बचाती हैं।यह अनाज न सिर्फ निरोग रखता है बल्कि सर्दियों से भी बचाता है।आइए हम इन्ही चीजों के बारे में आपको बताते है: #.

 

नई दिल्ली: सर्दियों में लोग अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखते हैं। उत्तराखंड में कई ऐसी प्राकृतिक चीजे हैं, जोकि शरीर को गर्म रखने के साथ ही सर्दियों से भी बचाती हैं।यह अनाज न सिर्फ निरोग रखता है बल्कि सर्दियों से भी बचाता है।आइए हम इन्ही चीजों के बारे में आपको बताते है:

# उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में झंगोरे को खूब खाया जाता है। झंगोरे की खीर, भात, छंछिया आदि पहाड़ के पारंपरिक लोकप्रिय व्यंजनों में शुमार है। इसका वर्णन ग्रंथों में भी किया गया है। झंगोरे को पहले गरीबों का खाना कहा जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसकी उपयोगिता और स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे खूब उगाया जाता है और खाया-खिलाया जाता है। पीलिया जैसे रोगों में भी इसे खाने की सलाह दी जाती है. झंगोरा में अच्छी मात्रा में आयरन पाया जाता है. अन्य मिलेट्स और सीरियल ग्रेन्स के मुताबिक, 100 ग्राम कच्चे झंगोरे में लगभग 18.6mg आयरन होता है।

# पिथौरागढ़ के आयुर्वेदिक डॉक्‍टर विजय प्रकाश जोशी के मुताबिक, पहाड़ में सर्द मौसम में गहत की दाल लजीज मानी जाती है। प्रोटीन तत्व की अधिकता से यह दाल शरीर को ऊर्जा देती है, साथ ही यह पथरी के उपचार की औषधि भी है। यूं तो गहत आमतौर पर एक दाल मात्र है, जो कि पहाड़ की दालों में अपनी विशेष तासीर के कारण खास स्थान रखती है।पथरी में रात को इस दाल को भिगोकर सुबह इसके पानी का सेवन करने से पथरी निकलने में मदद मिलती है।

#उत्तराखंड में सबसे लोकप्रिय माने जाने वाली दाल भट है। यह दो रंग की मिलती है, एक काले और दूसरा सफेद. इस दाल को खाने से एक नहीं बल्कि अनेक फायदे मिलते हैं। भट की दाल स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है. पहाड़ी लोग सर्दी में भट को अपनी डाइट में जरूर शामिल करते हैं। भट की दाल में प्रोटीन, विटामिन, खनिज, विटामिन बी कॉम्पलेक्स और विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ ही इसमें अमीनो एसिड, आयरन और कैल्शियम भी होता है।

# मडुवे की फसल उत्तराखंड में परंपरागत रूप से पैदा की जाने वाली गर्म तासीर वाली फसल है। मडुवे में प्रोटीन, फैट, खनिज आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पहाड़ों में इसे सर्दियों का राजा भी कहा जाता है। मडुवे का आटा आज न केवल देशभर बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर रईसों की लिस्ट में भी शामिल हो गया है। वैसे तो मडुवे का आटा शरीर को कई फायदे और बीमारियों से दूर रखता है, लेकिन ठंड के मौसम में इसका महत्व और बढ़ जाता है। मडुवे से अब रोटी के अलावा हलवा, बिस्किट केक आदि कई व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं। मडुवे में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, ट्रिप्टोफैन, मिथियोनिन, फाइबर, लेसीथीन, फास्फोरस, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो शरीर के लिए आवश्यक और फायदेमंद है।

# कुट्टू का आटा आमतौर पर व्रत के दौरान खाया जाता है और बोलचाल की भाषा में इसे व्रत वाला आटा कहा जाता है। कुट्टू का आटा खाने में स्वादिष्ट होता है और कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अगर इस आटे का इस्तेमाल नियमित रूप से किया जाए, तो सेहत को कई जबरदस्त फायदे मिल सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि कुट्टू का आटा डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर हार्ट डिजीज और डाइजेशन की समस्याओं को दूर करने के लिए रामबाण माना जाता है. इस आटे में तमाम एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को फायदा पहुंचाते हैं।

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