HMPV Case in India: करोना के बाद अब भारत में एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। जिसे वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानि HMPV के नाम से जाना जा रहा है। वही आए दिन इसके नए मामले सामने आ रहे है। हाल में, नागपुर में 3 जनवरी को दो बच्चे इस वायरस से संक्रमित पाए गए। इस समय तक भारत में कुल सात मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वही बहुत से लोगो को मन में एक बात आ रही होगी की क्या HMPV भी कोविड 19 की तरह ही खतरनाक साबित होगा। तो चलिए आगे विस्तार में HMPV और कोविड 19 को समझते है।
क्या है HMPV
एक्सपर्ट्स के अनुसार ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक ऐसा वायरस है जो सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण खांसी- जुकाम बुखार और सांस लेने में पेरशानी शामिल है। HMPV वायरस ज्यादातार 5 साल से छोटे बच्चों में देखे जाते हैं।
कैसे फैलता है HMPV
आपको बता दे कि ये एक इंफ्लूएंजा वायरस है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यानि किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने,खांसने और इतना ही नहीं बल्कि हाथ मिलाने और गले मिलने से भी यह फैल सकता है।
HMPV के लक्षण
एचएमपीवी वायरस के कुछ मुख्य लक्षण है जिसे आपको बहुत ध्यान देते की जरूरत है चलिए जानते है
– 103 से ज्यादा तेज बुखार आना
– सांस लेने में पेरशानी होना
– त्वचा, होंठ और नाखूनों का नीला पड़ना
– बार बार सर्दी-जुकाम होना
– खांसी या घरघराहट होना
– नाक बहना
– गले में खराश रहना
HMPV वायरस की जांच के लिए कौन सा टेस्ट कराए
आमतौर पर इस वायरस की जांच मरीज के लक्षणों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है। इसके लिए संक्रमित मरीज के नाक या गले से सैंपल लिया जाता ठीक उसकी प्रकार जिस तरह से कोरोना टेस्ट के दौरान किया जाता था। जिसके बाद जांच के लिए लैब भेज दिया जाता है।
क्या COVID-19 जितना खतरनाक है HMPV वायरस ?
इस बिमारी से जुड़ा एक सवाल तकरीबन हर इंसान के मन में आ रहा होगा कि क्या यह वायरस भी कोविड की तरह ही खतरनाक साबित होगा। तो आपको बता दे कि एक्सपर्टस से मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों ही वायरस सांस से जुड़ी है। लेकिन बता दे कि ये फिर भी एचएमपीवी एक पुराना वायरस है और पहले भी इसके मामले आए हैं। यह कोविड जैसा खतरनाक नहीं है।
HMPV से कैसे करें बचाव
इस वायरस से बचने के लिए आपको कुछ सावधनियां बरतने की जरूरत है। नीचे विस्तार में पढ़े…
– हमेशा खांसी और छींक आने पर मुंह पर रुमाल रखें
– हाथों को नियमित रूप से बार-बार धोएं
– चेहरे, आंख, नाक और मुंह को बार बार छूने से बचें।
– भीड़-भाड़ वाले और बंद जगहों पर मास्क पहनें।