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अगर बनना है आपको एक अच्छा पड़ोसी तो इन बातों का रखें खास ख्याल

– पड़ोसियों के घरेलू मामलों में स्वयं को न उलझाएं। – बिना मांगे सलाह न दें। कभी-कभी सलाह देना महंगा पड़ता है। – सीमित आना-जाना शोभा देता है। अधिक आना-जाना कभी-कभी दु:खी करता है। – लेन-देन अपनी जेब के अनुसार सीमा में ही करें। – शुभ-काम होने पर या खुशखबरी होने पर खुश होकर बधाई.

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– पड़ोसियों के घरेलू मामलों में स्वयं को न उलझाएं।

– बिना मांगे सलाह न दें। कभी-कभी सलाह देना महंगा पड़ता है।

– सीमित आना-जाना शोभा देता है। अधिक आना-जाना कभी-कभी दु:खी करता है।

– लेन-देन अपनी जेब के अनुसार सीमा में ही करें।

– शुभ-काम होने पर या खुशखबरी होने पर खुश होकर बधाई देने जाएं।

– बीमार होने पर, परेशानी होने पर, कुछ दुर्घटना होने पर आवश्यकतानुसार मदद करने से न सकुचाएं।

– अनावश्यक बिना काम के बतियाने न जाएं। ’पड़ोसियों के घर मेहमान आने पर अनावश्यक स्वयं को न थोपें।

– आप किसी काम में निपुण हैं तो पड़ोसन की इच्छा होने पर उन्हें अपना गुण सिखाएं।

– पड़ोसियों की कमियों या अव्यवस्थित घर के बारे में उन्हें शिक्षा न दें।

– पड़ोसियों की उन्नति पर किसी प्रकार की ईर्ष्या न करें।

– पड़ोसियों से महंगे बिजली के उपकरण या खराब होने वाली चीजों को न मांगें। मजबूरी होने पर प्रयोग के बाद साफ करके तुरन्त सधन्यवाद लौटा दें।

– पड़ोसियों से पत्रिका या पुस्तक पढ़ने के लिए लें तो समयानुसार बिना फाड़े या खराब किये वापस कर दें।

– आपस में कोई मनमुटाव होने पर या गलतफहमी होने पर बात स्पष्ट करने से झगड़ा बढ़ता नहीं है।

– बच्चों की लड़ाई होने पर दोनों पक्षों के बच्चों की बात शान्ति से सुनें और बड़े होने के नाते उन्हें शांत करें।

– अच्छी श्रोता बनें, वक्ता नहीं।

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