शरीर में बढ़ा हुआ शूगर लेवल कई तकलीफें लेकर आता है। शूगर पेशेंट के लिए ये जरूरी होता है कि वो नियमति रूप से अपनी शूगर की जांच करता रहे। आमतौर पर शूगर होने का मतलब ये होता है कि वो सामान्य स्तर से ज्यादा है। लेकिन ये ध्यान रखना जरूरी है कि जो लोग ब्लड शूगर कंट्रोल करने के लिए दवा लेते है या विभिन्न तरीके आजमाते हैं उनका शूगर कभी भी सामान्य स्तर से भी नीचे जा सकता है। इस परिस्थिति को अनदेखा नहीं किया जा सकता। अक्सर शूगर का घटना, शूगर बढ़ने से ज्यादा नुकसानदायी साबित होता है। इसलिए शूगर के मरीजों को ये जानना बहुत जरूरी होता है कि अचानक ब्लड शूगर लो हुई तो वो क्या फस्र्ट एड ले सकते हैं।
कैसे जाने शरीर में घट रहा है शूगर लेवल
ब्लड शूगर लो होने की कंडिशन तब मानी जाती है, जब शरीर में शूगर लेवल 70एमजी/डीएल से भी नीचे चला जाए। इस स्थिति में आपको कई लक्षण महसूस हो सकते हैं
– ज्यादा पसीना आना
– अचानक तेज ठंड लगना
– हाथ कंपकंपाना
– त्वचा का अचानक पीला पड़ जाना
– हार्ट रेट तेज हो जाना
– व्यक्ति का अचानक बेहोश हो जाना
– व्यक्ति का कंफ्यूज होना
– सांसे कमजोर होने लगना और तेज चलना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
अचानक ब्लड शूगर लो होने के कारण
ब्लड शूगर के लेवल से इतना नीचे जाने के भी कई कारण हो सकते हैं। ज्यादा मात्र में इंसुलिन लेने से भी शरीर में मौजूद ग्लूकोज का लेवल गिर जाता है। ये जानलेवा भी हो सकता है। सबसे जरूरी है समय समय पर खाते रहना। अपने मील्स को स्किप करना भी ब्लड शूगर को कम करता है। शूगर पेशेंट जब ज्यादा वर्कआऊट करते हैं तब भी कैलोरी बर्न होने का असर ब्लड शूगर पर पड़ता है। ज्यादा मात्र में अल्कोहल कंज्यूम करना भी ब्लड शूगर को लो कर सकता है। ये भी घातक अवस्था ही होती है।
लो ब्लड शूगर होने पर क्या करें
– हाइपोग्लाइसेमिक अवस्था कई मायनों में जानलेवा या फिर किसी दूसरी बड़ी शारीरिक समस्या को बुलावा हो सकती है।
– लो शूगर होने पर पेशेंट को आराम से बिठाएं
– उसे मीठा ड्रिंक दें या फिर ऐसी कोई चीज दें जिसमें ग्लूकोज की मात्र ज्यादा हो।
– उसे एप्पल या ऑरेंज जूस भी दे सकते हैं, जिसमें थोड़ी शक्कर मिलाई जा सकती है।
– ऐसे मरीजों को ब्रैड जैम खिलाना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
– बिस्किट भी दिए जा सकते हैं।
– अगर आपके आसपास कोई ऐसी चीज नहीं है जो मीठी हो तो, एक गिलास में शक्कर का पानी बनाकर वही पिला दें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
कुछ खास केसेस में फस्र्ट एड के बाद भी डॉक्टर से सलाह जरूर लें। उदहारण के लिए अगर लो ब्लड शूगर का शिकार ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे डायिबटीज न हो। शूगर से भरपूर फूड या ड्रिंक लेने के बाद भी जिनका शूगर लेवल न बढ़े।
डॉक्टर की सलाह है जरूरी
अगर डायिबटीज की दवाएं लेने के बाद ब्लड शूगर लेवल बार बार ड्रॉप हो रहा हो, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर ब्लड शूगर कम होने पर किसी को दौरा पड़ने लगे, बेहोश हो जाए या सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो तुरंत इमरजेंसी में दिखाएं।