कलौंजी (Kalonji ) एक प्राचीन औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में सदियों से किया जा रहा है। इसके बीज में कई पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। शोधों के अनुसार, कलौंजी के सेवन से विभिन्न शारीरिक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
रिसर्च गेट द्वारा 27 अगस्त, 2018 को प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कलौंजी में थाइमोक्विनोन नामक सक्रिय तत्व पाया जाता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को सशक्त बनाता है। शोध के मुताबिक, यह तत्व शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे मौसमी बुखार, खांसी, और सर्दी जैसी समस्याओं से बचाव होता है। कलौंजी का नियमित सेवन इन्फेक्शन और बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर की रक्षा करने में मदद कर सकता है।
कलौंजी का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह आंतों में सूजन को कम करता है और गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा, यह आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को भी नष्ट करता है और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। शोध से पता चला है कि यह कब्ज और दस्त संबंधी समस्याओं में भी राहत दिला सकता है।
यह दिल के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। शोध से यह सामने आया है कि यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है और खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाने में मदद करता है, जिससे दिल का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
कलौंजी में फैटी एसिड्स और अन्य तत्व होते हैं, जो शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि कलौंजी का सेवन मेटाबोलिज्म को तेज करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। यह शरीर की चर्बी को कम करने और वजन को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है। नन्हे-नन्हे बीज का तेल त्वचा और बालों के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। यह मुंहासे, दाग-धब्बे और त्वचा संक्रमण से भी बचाव करता है। बालों में भी कलौंजी के तेल का उपयोग करने से बालों का झड़ना कम होता है और यह बालों को मजबूत व चमकदार बनाता है।
कलौंजी का सेवन मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। हाल के शोध में पाया गया है कि कलौंजी में मौजूद थाइमोक्विनोन रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह इंसुलिन के कार्य को बेहतर बनाता है, जिससे मधुमेह के नियंत्रण में मदद मिलती है।
कुछ शोधों के अनुसार, कलौंजी में पाए जाने वाले तत्वों में एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकते हैं। इसके साथ ही, कलौंजी का सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में सहायक हो सकता है।