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एमएमआर टीके का विस्तार कोविड के खिलाफ प्रतिरक्षा के लिए किया जा सकता है: अध्ययन

नई दिल्ली: जानवरों पर किए गए एक नए अनुसंधान से पता चला है कि खसरा-कंठमालारूबेला (एमएमआर) टीके का विस्तार इस तरह किया जा सकता है कि यह व्यक्ति को कोविड पैदा करने वाले वायरस के अनेक स्वरूपों के विरुद्ध प्रतिरोधी बना सके। परिणामी नया टीका खसरा, कंठमाला और कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता.

नई दिल्ली: जानवरों पर किए गए एक नए अनुसंधान से पता चला है कि खसरा-कंठमालारूबेला (एमएमआर) टीके का विस्तार इस तरह किया जा सकता है कि यह व्यक्ति को कोविड पैदा करने वाले वायरस के अनेक स्वरूपों के विरुद्ध प्रतिरोधी बना सके। परिणामी नया टीका खसरा, कंठमाला और कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता है। अमरीका स्थित ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसे खसरा, कंठमाला और सार्ससीओवी2 के लिए ‘एमएमएस’ टीका करार दिया है। उन्होंने पाया कि हैम्स्टर्स में, एमएमएस टीके से प्रेरित एंटीबॉडी कम से कम चार महीने तक बिना किसी गिरावट के बनी रहीं।

इस प्रकार, एमएमआर टीके से मिलने वाली खसरे और कंठमाला के खिलाफ आजीवन प्रतिरक्षा एमएमएस टीका लगाए गए लोगों में कोविड के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा में तब्दील हो सकती है। उन्होंने ‘प्रोसीडिंग्स आफ द नैशनल एकैडमी आफ साइंसेज’ (पीएनएएस) पत्रिका में प्रकाशित अपने अध्ययन में यह बात कही। नया एमएमएस टीका नाक के माध्यम से दिया जाएगा। इसे मौजूदा एमएमआर टीके में कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन के एक उच्च स्थिर अंश को मिलाकर तैयार किया गया है। प्रमुख अध्ययनकर्ता और विषाणु विज्ञान के प्रोफैसर जियानरोंग ली ने कहा, ‘यह काफी आशाजनक है, और कोविड-19 को रोकने के लिए नए प्रकार का शानदार टीका होगा।’

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