नई दिल्ली :- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक अध्ययन में कहा है कि भारतीयों में गलत खानपान के कारण अधिकतर बीमारियां होती हैं, जो उचित और संतुलित आहार से ठीक की जा सकती हैं। परिषद ने भारतीयों के खान-पान पर 176 पेज की एक पुस्तिका जारी की है जिसमें मुख्य रूप से इस संबंध में 17 दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दिशा-निर्देशों में नमक-चीनी कम खाने, वसा और तेल सीमित करने, शारीरिक गतिविधियां करने और परिसंस्करित खाद्य पदार्थ कम करने को कहा गया है। रिपोर्ट में मोटापे से बचने के लिए संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहार को प्राथमिकता देनी चाहिए और मांसाहार का उपयोग कम से कम करना चाहिए। बच्चों और युवाओं को खानपान में दूध शामिल करने की सलाह दी गई है। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि खानपान में उचित बदलाव कर भारतीय लगभग 56.4 प्रतिशत बीमारियों से बच सकते हैं जिनमें जीवन शैली से जुड़ी मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां भी शामिल है। रिपोर्ट में शिशु, नवजात शिशु, किशोर, युवा, बुजुर्ग और गर्वभती महिलाओं के लिए अलग-अलग खान-पान की जानकारी दी गई है।
आईसीएमआर ने कहा है कि भारतीयों को अपने खान-पान में साग सब्जियों फलों और सूखे मेवे को अधिक स्थान देना चाहिए। लोगों को खानपान में अनाज की मात्रा कम करने की सलाह दी गई है। अच्छी जीवनशैली अपनाने से समय से पहले होने वाली मौतों को बड़ी संख्या को रोका जा सकता है। यह रिपोर्ट आईसीएमआर के राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार अच्छे खान-पान और शारीरिक गतिविधियां बनाए रखने से हृदय संबंधी रोगों से बचा जा सकता है। इसके अलावा मधुमेह होने की आशंका भी 80 प्रतिशत टाली जा सकती है।